प्रवीण गुगनानी : पिछले दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर जी, विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन जी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अरुण मिश्र जी एवं विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ राजनयिकों के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल फिजी गया था।
आस्ट्रेलिया महाद्वीप स्थित देश फिजी जाने वाले इस प्रतिष्ठापूर्ण प्रतिनिधि मंडल में बैतूल के प्रख्यात लेखक एवं राजनीतिज्ञ प्रवीण गुगनानी भी थे।
फिजी से लौटकर प्रवीण गुगनानी ने बताया की उनकी यह यात्रा अत्यंत सफल रही है। विश्व भर से फिजी आए हिंदी के अनेक विद्वानों, भारतीय राजनीतिज्ञों, लेखकों व विचारकों के इस जमावड़े में उनकी भेंट कई वरिष्ठों से हुई है। उन्होंने बताया की फिजी भारत से अट्ठारह हजार किमी दूर प्रशांत महासागर का एक द्वीप है। यह यात्रा बड़ी लंबी थी किंतु चार्टर विमान से होने के कारण बड़ी सुविधाजनक व आनंददायक रही।
भारत से वर्ष 1870 में अंग्रेज लोग सैकड़ों भारतीयों को गन्ने की कृषि हेतु फिजी ले गए थे। तब फिजी देश इंग्लैंड के अंगेजों का एक उपनिवेश देश था अर्थात उनका गुलाम था। आज फिजी में 38 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं और ठीक ठाक हिंदी बोलते हैं। वहां बसे हुए भारत से गए मुस्लिम अब भी सभी हिंदू त्योहार मनाते हैं। विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा सलाहकार प्रवीण गुगनानी ने बताया की इस 12 वें विश्व हिंदी सम्मेलन में हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने हेतु इसके वैज्ञानिकीकरण के समुचित उपाय करने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया है।
स्मरणीय है की स्वतंत्रता के बाद से अब तक बैतूल जिले या नर्मदापुर संभाग से कोई भी व्यक्ति केंद्र सरकार के प्रतिनिधि मंडल में सम्मिलित होकर विदेश नही गया था। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि मंडल में बैतूल से पहली बार कोई व्यक्ति विदेश यात्राओं पर लगातार जा रहा है। इस उपलब्धि पर समस्त मित्रों व शुभचिंतकों ने उन्हें इस अवसर बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की है।