Prayagraj Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस धार्मिक आयोजन में देशभर के अखाड़ों के नागा साधु और संत भी शामिल हुए थे। ये साधु खास तौर पर अमृत स्नान के लिए आते हैं और इस अवसर पर उन्हें आशीर्वाद प्राप्त होता है। अब महाकुंभ का समापन हो चुका है और सभी नागा साधु अपने-अपने अखाड़ों में लौट रहे हैं, हालांकि महाकुंभ महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा।
अमृत स्नान का महत्व और साधुओं की वापसी
महाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, अमृत स्नान करने से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। इस बार महाकुंभ में तीन प्रमुख अमृत स्नान हुए। पहला स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन, दूसरा मौनी अमावस्या पर और तीसरा बसंत पंचमी के दिन हुआ। इन स्नानों के बाद साधु-संत धर्म ज्ञान पर चर्चा करने और ध्यान करने के लिए जाते हैं। इसके बाद अब सभी नागा साधु महाकुंभ से वापस अपने-अपने अखाड़ों की ओर लौट रहे हैं।
नागा साधु कब फिर से दिखाई देंगे?
महाकुंभ में एकत्रित होने वाले नागा साधु अगली बार 2027 में नासिक में आयोजित महाकुंभ में दिखेंगे। नासिक में यह आयोजन गोदावरी नदी के किनारे होगा, जहां हजारों साधु एक साथ एकत्रित होंगे।