Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ का पर्व इस बार अपनी अंतिम और महत्वपूर्ण तिथी पर पहुंच चुका है। 3 फरवरी को महाकुंभ का तीसरा और आखिरी अमृत स्नान होने जा रहा है। इससे पहले दो अमृत स्नान हो चुके हैं, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ के इस अवसर पर हर दिन श्रद्धालुओं का अपार जमावड़ा देखा जा रहा है, लेकिन विशेष तिथियां अमृत स्नान के लिए निर्धारित की गई हैं, जिनमें से कल का दिन महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान होगा।
तीसरे अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे तक रहेगी। इस बीच, महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त में 5:23 से 6:16 बजे तक रहेगा। इस समय पवित्र संगम में स्नान करने से जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं। हालांकि, इस मुहूर्त के बाद भी लोग संगम में स्नान कर सकते हैं।
अमृत स्नान के दौरान ध्यान रखने योग्य नियम
महाकुंभ के अमृत स्नान के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना जरूरी होता है। सबसे पहले, नागा साधु स्नान करते हैं, उसके बाद ही गृहस्थों को स्नान करने की अनुमति होती है। स्नान करते समय पांच डुबकी लगाना अनिवार्य है और इन डुबकियों के साथ मंत्रों का जाप किया जाना चाहिए। साथ ही, पवित्र जल को अशुद्ध न करने के लिए स्नान के समय साबुन या शैंपू का प्रयोग न करें।
अमृत स्नान के बाद क्या करें?
अमृत स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, मंत्रों का जाप भी फलों की प्राप्ति का कारण बनता है। हिंदू धर्म में दान को भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, और महाकुंभ में अमृत स्नान करने के बाद दान करने से विशेष शुभ फल मिलते हैं।
आगामी महास्नान की तिथियां
महाकुंभ का चौथा महास्नान माघ पूर्णिमा के दिन, यानी 12 फरवरी 2025 को किया जाएगा। इसके बाद महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी 2025 को महाकुंभ का आखिरी महास्नान होगा।