देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की कार्यप्रणाली अब प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के लिए एक मिसाल बनने जा रही है। प्रयागराज में अगले साल होने वाले इस विशाल धार्मिक आयोजन की तैयारियों को पुख्ता करने के लिए वहां के प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम इंदौर पहुंची है। यह दल इंदौर नगर निगम (IMC) द्वारा अपनाई गई स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकों को समझेगा।
इंदौर लगातार कई वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है। यही कारण है कि देश-विदेश से कई प्रतिनिधिमंडल यहां के ‘इंदौर मॉडल’ को समझने आते रहते हैं। इसी कड़ी में प्रयागराज मेला प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारियों ने इंदौर का रुख किया है। उनका मुख्य उद्देश्य भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के गुर सीखना है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड और बायो-सीएनजी प्लांट का निरीक्षण
प्रयागराज से आए अधिकारियों ने इंदौर के देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड का दौरा किया। यहां उन्होंने कचरे के निष्पादन और उससे ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया को देखा। विशेष रूप से एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट (गोबर-धन प्लांट) की कार्यप्रणाली ने उन्हें काफी प्रभावित किया। अधिकारियों ने समझा कि कैसे गीले कचरे से बायो-सीएनजी बनाई जा रही है और इसका उपयोग सिटी बसों को चलाने में किया जा रहा है।
सफाई मित्रों से संवाद और कार्यप्रणाली
दल ने शहर की सड़कों पर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया और सुबह की सफाई प्रक्रिया को अपनी आंखों से देखा। उन्होंने इंदौर के सफाई मित्रों से भी संवाद किया और यह जानने की कोशिश की कि वे किस तरह समय पर कचरा उठाव सुनिश्चित करते हैं। अधिकारियों ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहनों की मॉनिटरिंग सिस्टम और जीपीएस ट्रैकिंग व्यवस्था के बारे में भी जानकारी हासिल की।
कुंभ मेले में लागू होगा इंदौर का अनुभव
प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में वहां सफाई बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी। इंदौर यात्रा के दौरान सीखे गए उपायों को कुंभ मेले की कार्ययोजना में शामिल किया जाएगा। विशेष रूप से जीरो वेस्ट इवेंट मैनेजमेंट और प्लास्टिक प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्री और अधिकारी इंदौर के स्वच्छता मॉडल की तारीफ कर चुके हैं। अब जब महाकुंभ जैसा विशाल आयोजन सामने है, तो इंदौर की सफलता की कहानियों को धरातल पर उतारने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इंदौर की तर्ज पर जनभागीदारी बढ़ाकर कुंभ को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सकता है।