स्वतंत्र समय, भोपाल
राष्ट्रीय स्वयं सेवक की लाइन को आगे बढ़ाने के लिए मोहन सरकार अब आयुर्वेद, पंचकर्म, योग, यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए नवाचार करने जा रही है। जिला अस्पतालों में आयुष विंग बनाने के बाद राज्य सरकार अब एकीकृत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कुछ धार्मिक व पर्यटन स्थलों में 50-50 बिस्तर के अस्पताल बनाने की तैयारी में है। इनमें कुछ स्थानों पर आयुर्वेद, यूनानी और योग तो कुछ जगह मात्र आयुर्वेद और योग से रोगियों का उपचार किया जाएगा। नरसिंहपुर में होम्योपैथी और यूनानी, महेश्वर व इंदौर में आयुर्वेद, यूनानी और योग, अमरकंटक के अस्पताल में योग और पंचकर्म की सुविधा रहेगी। इसके लिए भारत सरकार ने प्रस्ताव मांगा है। इनके अतिरिक्त उज्जैन में योगा एवं पंचकर्म का 50 बिस्तर का अस्पताल शुरू करने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन (वेलनेस टूरिज्म) को बढ़ाने के लिए यह अस्पताल बनाए जा रहे हैं। इसके पहले जिला अस्पतालों में शुरू की गई आयुष विंग में सिर्फ ओपीडी में रोगियों को उपचार मिल रहा है।
शोध में आ रहे अच्छे परिणाम
दरअसल, अलग-अलग शोध में सामने आ चुका है कि एकीकृत चिकित्सा पद्धति यानी एक साथ एक से अधिक पद्धति का उपयोग किसी बीमारी के उपचार में ज्यादा लाभदायक होता है। यहां तक कि कुछ बीमारियों में एलोपैथी के साथ ही योग या पंचकर्म का उपयोग भी किया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। इसी कारण अब भारतीय चिकित्सा पद्धति यानी आयुर्वेद, यूनानी, योगा, प्राकृतिक चिकित्सा में सभी या कुछ का एक साथ उपयोग उपचार में करने की तैयारी है।
भारत सरकार को प्रस्ताव भेजने कीे तैयारी
अभी कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही एकीकृत चिकित्सा पद्धति की सुविधा वाले अस्पताल शुरू किए जा रहे हैं। यह प्रयोग सफल रहा तो इसका विस्तार अन्य शहरों में किया जाएगा। एकीकृत चिकित्सा पद्धति से सबसे अधिक लाभ लकवा, मोटापा, डायबिटीज, जोड़ों की बीमारी, वात, त्वचा रोग आदि में मिलेगा। आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा रहा है।