मानसून की दस्तक के साथ ही मौसमी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। डायरिया, उल्टी-दस्त, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए संभागायुक्त दीपक सिंह ने स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट मोड में डाल दिया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए युद्धस्तर पर कार्य योजना बनाने के निर्देश दे दिए है। यहां पर हर कार्य समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए है।
संभागायुक्त सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा कि “बारिश के इन महीनों में जलजनित और मच्छरजनित बीमारियों की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में हमें पहले से तैयार रहना होगा। उन्होंने हर जिला, ब्लॉक और गांव स्तर तक एक मजबूत और सक्रिय कॉम्बैट टीम गठित करने के निर्देश दिए है।
ऐसे होगे विभाग के कदम
स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर दवाओं की उपलब्धता रखेगा इसके साथ ही जिला अस्पतालों से लेकर ग्राम आरोग्य केंद्र तक जरूरी दवाएं स्टॉक में रखी जाएंगी। प्रतिदिन रोगियों की जानकारी जुटाई जाएंगी। इसके साथ ही डायरिया, उल्टी, बुखार, मलेरिया जैसे लक्षणों वाले मरीजों की नियमित रिपोर्टिंग करना अनिवार्य होगी
पेयजल स्त्रोतो की होगी सफाई
स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए है कि पेयजल स्रोतों की सफाई अनिवार्य रूप से की जाए इसके साथ ही पानी की टंकी, कुआं, नल, हैंडपंप आदि में नियमित रूप से ब्लीचिंग पाउडर या क्लोरीन की गोलियां डालना आवश्यक है। पानी उबालकर पीने की जागरूकता फैलाने का कार्य भी स्वास्थ्य विभाग को करना होगा।
मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया पर विशेष फोकस
संभागायुक्त ने निर्देशित किया है कि सभी अस्पतालों में मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से की जाए। डेंगू और चिकनगुनिया के लिए गांव-गांव में साप्ताहिक लार्वा सर्वे और विनष्टीकरण अभियान चलाया जाए। साथ ही इन रोगों से पीड़ित मरीजों की ब्लड सैंपल जांच दोबारा की जाए ताकि कोई भी केस छूट न जाए। इसके साथ ही जिला अस्पताल में 10 बेड का डेंगू वार्ड बनेगा।
मातृ व शिशु स्वास्थ्य को मिले प्राथमिकता
संभागायुक्त ने मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और 100% शिशु टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के आयुष्मान कार्ड प्राथमिकता से बनाने के आदेश दिए गए है। संभागायुक्त ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय निगरानी करने के आदेश दिए है। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि “काम में कोताही बरतने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। शोकाज नोटिस और वेतनवृद्धि रोकने जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के तमाम वरिष्ठ अधिकारी, कीट वैज्ञानिक, सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद रहे।