वेदांत आश्रम में शिव महापुराण कथा के संबंध की पत्रकार वार्ता

श्रीमद जगद्गुरू अनंतानंद द्वाराचार्य डॉ. स्वामी राम कमल दास वेदांती जी महाराज जी ने बताया कि, शिव महापुराण संपूर्ण लोक के कल्याण का पथ प्रदर्शित करता है

मुकेश चतुर्वेदी/गंजबासौदा वेदांत आश्रम गंजबासौदा में होने वाले शिव महापुराण कथा, रूद्र महायज्ञ के संदर्भ में एक व्यापक चर्चा करने के लिए वेदांत आश्रम में पत्रकार वार्ता आहूत की गई। इस पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए श्रीमद जगद्गुरू अनंतानंद द्वाराचार्य डॉ. स्वामी राम कमल दास वेदांती जी महाराज जी ने बताया कि, शिव महापुराण संपूर्ण लोक के कल्याण का पथ प्रदर्शित करता है।

इस पुराण श्रवण से हमें यह मालूम होता है कि संसार नश्वर होते हुए भी प्राणी को धर्म अर्थ काम मोक्ष को उपलब्ध कराते हुए मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। भगवान शिव एक ऐसे देवता है जो संपूर्ण ब्रह्मांड की उत्पत्ति पोषण तथा संचार करने में समर्थ है। भेदभाव रहित भगवान शिव संपूर्ण मानवता को एक सूत्र में पिरोते हैं। ऐसे भगवान शिव की मंगलमय कथा के आयोजन से संपूर्ण विश्व की कल्याण की कामना की जाएगी।

7 दिन चलने वाली शिव महापुराण की कथा के मध्य में शिवलिंग प्रादुर्भाव, श्री पार्वती जन्मोत्सव, शंकर जी के विवाह महोत्सव की अति भव्य झांकियां भी दर्शाई जाएगी जिन्हें साकार करने के लिए वाराणसी वृंदावन से कुशल कलाकार बुलाए जा रहे हैं। गंजबासौदा व समस्त क्षेत्र के कल्याण के निमित्त सप्त दिवसीय आयोजन किया जा रहा है जिसमें उज्जैन एवं काशी के आचार्य गणों के साथ यज्ञ के आचार्य की पद को उज्जयिनी के प्रख्यात याज्ञिक, मध्यप्रदेश के धर्मगुरू की उपाधि से अलंकृत आचार्य घनश्याम शास्त्री होंगे।

यज्ञ के दौरान द्वादश ज्योतिर्लिंगों की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेगी जिस की विशेष तैयारी की जा रही है। इस महोत्सव के अंतर्गत विशेष रूप से अमेरिका से आ रहे श्री सुखानंद सिंह व इनकी धर्मपत्नी श्रीमती माया सिंह के द्वारा आश्रम परिसर में 11 रूद्राक्ष के पेड़ भी लगाएं जाएंगे।

वेदांत आश्रम के महंत स्वामी हरिहर दास जी महाराज जी ने बताया कि अति विशाल कलश यात्रा में हाथी घोड़े, गाजे-बाजे के साथ यह यात्रा रेल्वे स्टेशन हनुमान मंदिर से प्रारंभ होगी जो गंजबासौदा के विभिन्न मार्गों से होते हुए आश्रम में पहुंचेगी। इसमें वाराणसी वृंदावन अयोध्या आदि के संत भी होंगे अतः महंत जी ने अपने क्षेत्र के सभी नर-नारी श्रद्वालुओं को इसमें शामिल होने और संतों के दर्शन के लिए आमंत्रित किया है।