भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक मॉनसून का असर मध्य भारत और पूर्वी हिस्सों में देखने को मिलेगा। विशेष रूप से दक्षिण ओडिशा से लेकर आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों तक 19 अगस्त 2025 की दोपहर तक जोरदार बारिश की संभावना है। वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है। इसका असर स्थानीय जनजीवन और यातायात पर भी पड़ सकता है।
दिल्ली-NCR का मौसम
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे NCR क्षेत्रों में बीते 24 घंटों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। हालांकि, इस दौरान कई इलाकों में अच्छी खासी बरसात दर्ज की गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 19 अगस्त 2025 को दिल्ली-NCR के कई हिस्सों में घने बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान करीब 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
पहाड़ी राज्यों में भारी बरसात से मुश्किलें
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में लगातार भारी वर्षा हो रही है। कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही मची हुई है। नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 7 दिनों तक उत्तराखंड में भारी बारिश हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। कई गांवों में लोग मजबूरी में पलायन करने को विवश हो गए हैं।
उत्तर-पूर्वी राज्यों का हाल
पूर्वोत्तर भारत में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 20 से 24 अगस्त 2025 के बीच नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में तेज बारिश का दौर रहेगा। इससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। राज्य सरकारों ने स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा है ताकि आपात स्थिति में तुरंत राहत और बचाव कार्य किए जा सकें।
पश्चिम भारत में भी बारिश का असर
महाराष्ट्र, गोवा और कोंकण क्षेत्र में भी मानसून की सक्रियता बनी हुई है। मौसम विभाग ने यहां 18 और 19 अगस्त 2025 को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, गुजरात में 19 और 20 अगस्त के बीच तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन राज्यों के निचले इलाकों में जलभराव और यातायात प्रभावित होने की आशंका है।