Primary teachers : बीएड फेल 341 शिक्षक नौकरी से बाहर

स्वतंत्र समय, भोपाल

सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रायमरी टीचर्स ( Primary teachers ) के पदों के लिए बीएड को अमान्य कर दिया है। इन पदों पर डिप्लोमा ही चलेगा, डिग्री नहीं। इसके साथ ही पिछले एक साल में सरकारी स्कूलों में भर्ती हुए 341 प्रायमरी टीचर्स की नौकरी पर भी फुल स्टाप लग गया है। लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी कर एक सप्ताह में इन सभी की नियुक्ति निरस्त कर फिक्स फार्मेट में जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।

Primary teachers के लिए न्यूनतम योग्यता डीएड

असल में दो दर्जन जिलों ने प्राथमिक शिक्षक ( Primary teachers  ) भर्ती परीक्षा के बाद पिछले साल ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दे दी, जिनके पास बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) की डिग्री तो है, लेकिन उन्होंने डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) नहीं किया है। जबकि प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने न्यूनतम योग्यता डीएड निर्धारित की है। एनसीटीई भी प्राथमिक शिक्षक के लिए न्यूनतम आर्हता डीएड तय कर चुका है। जिलों में इस गफलत को सुधारते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने 11 अगस्त 2023 के बाद नियुक्त गैर डीएड धारियों को बाहर करने का आदेश दिया था। मगर नियुक्ति पाने वाले कई उम्मीदवार हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट में अपने पक्ष में फैसला न होने के बाद बीएड धारी प्रायमरी टीचर्स ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। मगर सुप्रीम कोर्ट ने भी एनसीटीई की वर्ष 2018 की अधिसूचना को निरस्त कर अगस्त 2023 के बाद प्रदेश में प्रायमरी टीचर्स की भर्ती में बीएड धारी उम्मीदवारों को अपात्र माना है। इसके साथ ही विभाग को ऐसे सभी उम्मीदवारों की नियुक्ति निरस्त करने का आदेश दिया है। लोक शिक्षण संचालनालय ने अदालत के आदेश के परिपालन में 23 जिला शिक्षा अधिकारियों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देकर बीएड धारी प्रायमरी टीचर्स की नियुक्ति निरस्त कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। विभाग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि किसी उम्मीदवार की योग्यता बीएड है, और गलती से रिकॉर्ड में डीएड लिखा है तो ऐसे शिक्षक की नियुक्ति निरस्त होगी।
कई सालों से है गफलत
प्रायमरी टीचर्स के पदों पर डीएड और बीएड को लेकर कई सालों से संशय की स्थिति बनी हुई है। डीएड को न्यूनतम पात्रता मानते हुए बीएड और एमएड धारी उम्मीदवार फार्म भर देते हैं। पहले तो विभाग में भी स्थिति स्पष्ट नहीं थी। वहीं जिलों में भी डीएड को न्यूनतम आर्हता मानकर उससे ऊंची डिग्री होने के कारण बीएड करने वालों को भी पात्र मानते हुए नियुक्ति दे दी जाती है। मगर 2023 की भर्ती में स्पष्ट कर दिया गया था कि प्रायमरी टीचर्स के लिए डीएड अनिवार्य है। बावजूद इसके 23 जिलों में बीएड को मान्य कर नियुक्ति दे दी।
दो दर्जन से अधिक जिलों होगी कार्यवाही
विभाग के इस आदेश के दायरे में प्रदेश के 341 प्रायमरी टीचर्स आए हैं। जिन जिलों में ये कार्रवाई की जाना है, इनमें आगर मालवा, अलीराजपुर, अशोकनगर, छतरपुर, दमोह, डिंडौरी, गुना, कटनी, खंडवा, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, पन्ना, रायसेन, रतलाम, सागर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन और विदिशा शामिल हैं। डीपीआई ने इन जिलों के डीईओ को 28 अगस्त को जारी आदेश में कहा है कि बीएड की योग्यता के आधार पर नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर एक हफ्ते में इसकी जानकारी शासन को भेजी जाए।