दिलजीत दोसांझ के बाद अब Priyanka Chopra ने तोड़ा फैंस का दिल! ‘पाकिस्तानी’ फिल्म मेकर के साथ शेयर की तस्वीर

हाल के दिनों में बॉलीवुड और पंजाबी सिनेमा के सितारे सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। पहले दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘सरदार जी 3’ में पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर की मौजूदगी को लेकर विवाद छिड़ा, और अब प्रियंका चोपड़ा ने भी अपने एक कदम से फैंस को हैरान कर दिया है। प्रियंका ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें वे पाकिस्तानी-कनाडाई फिल्ममेकर शर्मीन ओबैद-चिनॉय के साथ नजर आईं। इस तस्वीर में उनके साथ मशहूर डायरेक्टर मीरा नायर और उनकी मैनेजर अंजुला आचार्य भी थीं। लेकिन इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।

Priyanka Chopra की तस्वीर ने क्यों मचाया बवाल?

प्रियंका चोपड़ा, जो अपनी हॉलीवुड फिल्म ‘हेड्स ऑफ स्टेट’ के प्रमोशन में व्यस्त हैं, ने इन तस्वीरों को अपने फैंस के साथ साझा किया। तस्वीरों में वे शर्मीन ओबैद-चिनॉय के साथ खुशी-खुशी पोज देती दिख रही हैं। शर्मीन एक जानी-मानी फिल्ममेकर हैं, जिन्होंने ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री बनाई है और कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में काम किया है। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण रिश्तों के कारण, प्रियंका का यह कदम कुछ फैंस को रास नहीं आया। खासकर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारतीय दर्शकों में पाकिस्तानी कलाकारों या फिल्ममेकर्स के साथ सहयोग को लेकर संवेदनशीलता बढ़ गई है।

सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने प्रियंका की तस्वीरों को लेकर सवाल उठाए और इसे ‘असंवेदनशील’ कदम बताया। एक यूजर ने लिखा, “जब देश में इतना गुस्सा है, तब प्रियंका को ऐसी तस्वीरें शेयर करने से बचना चाहिए था।” वहीं, कुछ लोगों ने इसे सामान्य मुलाकात बताते हुए प्रियंका का समर्थन भी किया।

Priyanka Chopra का पक्ष और समर्थकों की राय

प्रियंका चोपड़ा ने अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि यह महज एक सामान्य मुलाकात थी, जिसे राजनीतिक रंग देना गलत है। एक प्रशंसक ने लिखा, “प्रियंका एक ग्लोबल स्टार हैं, और वे दुनिया भर के लोगों के साथ काम करती हैं। इसे देश-विरोधी ठहराना बेतुका है।” कुछ लोगों ने यह भी तर्क दिया कि कला और सिनेमा को राजनीति से अलग रखना चाहिए, और प्रियंका की तस्वीरों को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।