पटवारी रिकॉर्ड में दर्ज है चना जबकि खेत में फसल खडी है धनिये की
मोहन रघुवंशी /सिरोंज – आज जब किसान अतिवृष्टि और ओला वृष्टि से जूझ रहा है वही किसानों के सामने एक और समस्या आन खड़ी है जब सबदलपुर ताल निवासी कृषक शिव कुमार प्रजापति ने अपने खेत में बोए हुए धनिया का पंजीयन एमपी ऑनलाइन पर जाकर करवाया तो ऑनलाइन संचालक ने कृषक शिव कुमार प्रजापति को बताया कि आपके खेत में तो चने की फसल दिख रही है जिससे धनिया का पंजीयन नही हो सकता। ऐसा ही माजरा एक अन्य कृषक उदयरामपुर निवासी खिलान सिंह रघुवंशी ने बताया उनके कुछ जमीन में सरसो की फसल है लेकिन फसल पंजीयन में चना लिखा है जिससे समर्थन मूल्य पर सरसों नहीं बैच पाएंगे । इस संबंध में जब हल्का पटवारी से बात की तब उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा संबंधित किसानों से बात करने के बाद फसल चढ़ाई जाती है कुछ किसान स्वयं भी फसल को एप के माध्यम से ऑनलाइन कर देते हैं। मेरे पास तक इस प्रकार की कोई जानकारी नहीं आई हैं कि किसानों को फसल पंजीयन में कोई दिक्कत है।
फसल छती के बाद किसान उठा रहे है सवाल
अब जिन खेतो में सरसो और धनिया है लेकिन पटवारी रिकार्ड में चना या अन्य फ़सल दर्ज है ऐसी स्थिति में किसान इस बात को लेकर चिंतित है कि उन्हें उचित मुआवजा मिल पाएगा या नहीं। फसलों का बीमा भी पटवारी रिकार्ड के अनुसार होता है जो कि खेत में बोई हुई फ़सल से भिन्न है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पटवारियों द्वारा मौके पर जाकर फसल नहीं लिखी जाती ? दूसरा सवाल उठता है कि किसानों को किसी प्रकार की फ़सल बोनी का प्रमाण पत्र क्यों नही दिया जाता।जिससे इस प्रकार की समस्या ना हो।
इनका कहना है
हमारे द्वारा कलेक्टर साहब को पत्र लिखकर निवेदन किया जाएगा की किसान कि फसल को पटवारी खेतो पर जाकर दर्ज करे और किसानों को फसल बोनी का प्रमाण पत्र बोनी के तुरंत बाद देकर पटवारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाया करे।
देवेंद्र रघुवंशी
हलधर किसान मजदूर महासंघ सिरोंज।