Professional Institute में अब रिजर्व कैटेगरी की सीट पर जनरल को भी मिल सकेगा प्रवेश

स्वतंत्र समय, भोपाल

प्रदेश के प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट ( Professional Institute ) में एडमिशन के लिए सामान्य वर्ग के स्टूडेंट्स अब केवल अनरिर्जव्ड सीटों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें आरक्षित सीटों पर भी प्रवेश का मौका मिल सकता है। वहीं आरक्षित वर्ग की खाली सीटें भी अब आसानी से भर सकेंगे। आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स न मिलने पर इन सीटों को जनरल कैटेगिरी में मर्ज किया जा सकेगा। इससे कालेजों को भी आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

Professional Institute में सामान्य वर्ग को अतिरिक्त सीटें मिलेंगी

असल में मध्यप्रदेश निजी व्यवसायिक शिक्षण ( Professional Institute  ) संस्था प्रवेश का विनियमन एवं शुल्क का निर्धारण एक्ट 2007 के नियमों में बदलाव से यह रास्ता निकला है। राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में बने प्रवेश नियमों में 16 साल बाद पहला बदलाव किया है। इस बदलाव से जहां आरक्षित वर्ग के छात्रों को डबल च्वाईस का लाभ मिल सकेगा। वहीं सामान्य वर्ग के छात्रों के खाते में भी अतिरिक्त सीटें आ सकेंगी। जानकारी के अनुसार अभी तक नियम था कि आरक्षित वर्ग के छात्रों को अपने कोटे की सीटों पर ही प्रवेश लेना पड़ता था। इसके चलते कई छात्र मेरिट में आने के बाद भी अपने पसंद का कालेज अथवा ब्रांच नहीं चुन पाते थे। कई छात्र तो कई राउंड की काउंसलिंग में शामिल होने के बाद प्रवेश ही नहीं लेते थे। मगर अब नियमों में संशोधन के बाद उन्हें आरक्षित के साथ ही अनारक्षित कोर्ट में भी च्वाइस मिल सकेगी। नए नियमों के मुताबिक अब रिजर्व कैटेगिरी के अभ्यर्थी को जनरल श्रेणी की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त होने पर पहले जनरल अनराक्षित श्रेणी की सीट दी जाएगी। यदि यह सीट उसकी पसंद के अनुसार नहीं रहती तो वह चाहे तो दोबारा रिजर्व श्रेणी की सीट पर एडमिशन ले सकेगा।

खाली रिजर्व्ड सीट जनरल कैटेगरी में डाल दी जाएगी

सामान्य वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए एक अन्य बदलाव के तहत अनरिर्जव्ड श्रेणी की मेरिट सूची में आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स द्वारा सीट प्राप्त की जाती है तो उसके द्वारा खाली आरक्षित सीट उसके नीचे के क्रम वाले जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स दी जाएगी। इसके बाद भी यदि रिजर्व सीट खाली रहती है तो उस सीट को जनरल कैटेगरी में डालकर अनरिजव्र्ड अभ्यर्थियों को वह सीट अलॉट की जाएगी। अभी तक हर साल एससी-एसटी की सीटें बड़ी संख्या में खाली रह जाती थीं। इससे कालेज संचालकों को भी नुकसान उठाना पड़ता था। वहीं जनरल कैटेगिरी के छात्र अच्छे नंबर लाने और सीट खाली रहने के बाद भी प्रवेश से वंचित रह जाते थे। अब उनके पास भी एक अतिरिक्त मौका प्रवेश लेने का रहेगा।