मुख्यमंत्री फडणवीस : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री फडणवीस के एक ‘प्रस्ताव’ पर ऐसा जवाब दिया कि राजनीति में हलचल मच गई। दोनों नेताओं की बातों से ऐसा लगा कि कोई बड़ा संकेत मिल रहा है। फडणवीस ने बाद में सफाई दी कि उनकी बात मजाक में कही गई थी। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे का महायुति से दोबारा जुड़ना सिर्फ मजाक था, असली इरादा नहीं। फिर भी, इन बयानों से राज्य की राजनीति में चर्चा तेज हो गई है।
फडणवीस का चुटीला तंज
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि 2029 तक सरकार बदलने की कोई संभावना नहीं है, विपक्ष सत्ता में नहीं आएगा, लेकिन उद्धव ठाकरे के आने पर विचार किया जा सकता है। यह बात उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कही थी। जब पत्रकारों ने इस पर सवाल किया, तो फडणवीस ने कहा, आप हमारे मजाक को गंभीरता से क्यों लेते हैं? उद्धव जी ने भी इसे मजाक में कहा माना है। चिंता न करें, महायुति मजबूत है और अच्छी तरह काम कर रही है।
उद्धव ठाकरे ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात
गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक अटकलें शुरू हो गईं। बाद में उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने बताया कि यह मुलाकात मराठी भाषा के मुद्दे पर चर्चा के लिए थी। करीब आधे घंटे चली इस बैठक में आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे।
आख़िर उद्धव ठाकरे ने क्या कर दिया?
शुक्रवार को जब पत्रकारों ने उद्धव ठाकरे से फडणवीस की पेशकश पर सवाल किया, तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह पहले प्रिंट मीडिया से बात कर रहे थे और ‘चड्डी बनियान गिरोह’ का जिक्र किया था। फिर हंसते हुए बोले, “जैसे एक विज्ञापन कहता है ये अंदर की बात है।
चड्डी बनियान’ गिरोह की बात क्यों छेड़ी उद्धव ने?
चड्डी बनियान’ का जिक्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार की उस टिप्पणी से जुड़ा है, जो उन्होंने विधानसभा में दी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने हिंसा, भ्रष्टाचार और कुशासन को बढ़ावा दिया है। वडेट्टीवार ने कहा कि जैसे पुणे में ‘कोयता गिरोह’ ने दहशत फैलाई, वैसे ही सत्ताधारी दल का एक ‘चड्डी बनियान गिरोह’ है, जो जब चीजें उनके मुताबिक नहीं होतीं, तो हिंसा पर उतर आता है।