बीईओ के तुगलकी निर्णय का किया विरोध, सुधार न होने पर होगा आंदोलन

स्वतंत्र समय, गैरतगंज

ब्लाक के सर्रा ग्राम स्थित सरकारी मिडिल स्कूल से प्रभारी शिक्षक को हटाने एवं अन्य शिक्षक की तैनाती के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर गुरुवार को जांच दल ग्राम पहुंचा। पता चला है कि ग्रामीणों और छात्र छात्राओं ने इस पूरी कार्रवाई का विरोध दर्ज कराया है। गौरतलब है कि सरकारी मिडिल स्कूल सर्रा के शाला प्रभारी शिक्षक मनीष श्रीवास्तव को शिक्षा विभाग के बीईओ आरआर सिंह ने कुछ दिन पहले षडयंत्र पूर्वक हटाकर अपने चहेते एक शिक्षक की तैनाती उक्त स्कूल में कर दी थी जिससे असंतोष फैल गया।
स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं ने स्कूल आना बंद कर इस कार्यवाही के विरोध में तहसील मुख्यालय आकर शिक्षा विभाग एवं एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर पुरानी व्यवस्था को पुन: बहाल करने की मांग की थी। वहीं तुगलकी निर्णय पर बीईओ आरआर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठी। जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एमएल राठौरिया ने जांच कराई। गुरुवार को मौके पर जांच करने पहुंचे गढ़ी प्राचार्य बीएस खंगार एवं जांच दल के अन्य सदस्यों ने पूरे मामले की बारीकी से पड़ताल की। सूत्रों ने बताया कि जांच दल के समक्ष स्कूल के बच्चों, पालकों एवं अन्य ग्रामीणों ने बीईओ आरआर सिंह पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए उनके निर्णय का कड़ा विरोध किया तथा अन्य शिक्षक को स्कूल में पदस्थ करने का विरोध किया। जांच में ग्रामीणों एवं छात्र छात्राओं के बयानों से यह स्पष्ट हो गया कि बीईओ अपनी मनमानी पर उतारू है। जांच में छात्र छात्राओं का मत था कि इस कार्यवाही से उनकी पढ़ाई चौपट हो गई है। यही नही परीक्षाएं भी आने वाली है ऐसे में उनको पढ़ाई में बहुत नुकसान हो रहा है। उन्होंने तत्काल व्यवस्था में सुधार की मांग की। देखना होगा कि अब शिक्षा विभाग बीईओ के मामले में क्या कदम उठाता है।

बीईओ के रवैये की मुख्यमंत्री को करेंगे शिकायत

ब्लाक शिक्षा अधिकारी के पद पर बीते 10 वर्षो से अधिक समय से पदस्थ बीइओ आरआर सिंह हमेशा से ही शिक्षा के क्षेत्र में गड़बड़ कार्यप्रणाली के लिए पहचाने जाते है। जिस कार्य के लिए उन्हें यहां तैनात किया गया है उस पर ध्यान न देकर शिक्षकों के तबादले कर दबाव बनाने की परिपाटी बीते कई वर्षों से चली आ रही है अब चाहे बच्चो का भविष्य ही बर्बाद क्यो न हो पर अपनी हिटलरशाही कार्यप्रणाली के रूप में बीइओ आर आर सिंह को पहचाना जाता है। सरकारी माध्यमिक शाला सर्रा में शिक्षक के स्थानांतरण मामले में भी यही देखा गया। पर इस बार स्कूली बच्चो ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। स्कूल के छात्र छात्राओं ने प्रदेश के मुखिया मोहन यादव को पत्र लिखकर पूरे मामले की शिकायत करने की बात कही है। वहीं आंदोलन करने का भी मन बना लिया है। उन्होंने लंबे समय से नियम विरुद्ध ढंग से गैरतगंज में जमे बीईओ आरआर सिंह को हटाने की भी मांग की है।

बीईओ खुद के ही आदेश की करा रहे जांच

इस पूरे मामले में मजेदार बात यह है कि बीईओ आरआर सिंह ने स्कूल शिक्षक को पहले तो बगैर किसी जांच या कारण के हटाने के आदेश जारी कर दिए परन्तु बाद में मामले के तूल पकडऩे के बाद मामले की जांच के लिए दल गठित कर उसी दिन जांच के लिए स्कूल भेजा जब जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले की जांच करा रहे थे। आश्चर्य की बात है कि पहले बीईओ ने तुगलकी निर्णय लेकर आदेश कर दिया और अब विवाद बढऩे पर उसी की जांच भी करा रहे हैं। बीईओ की यह कारगुजारी ग़ैरतगंज में जनचर्चा का विषय बनी हुई है। इस संबंध में जांच करने पहुंचे बीएस खंगार का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर पूरे मामले की जांच की गई है जल्द ही जांच प्रतिवेदन जिला अधिकारियों को
भेजा जाएगा।