भारत पहुंचते ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे के दौरान वित्तीय बाजारों में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला। गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये ने जबरदस्त रिकवरी दर्ज की। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद रुपया 19 पैसे मजबूत होकर 89.96 पर बंद हुआ। यह सुधार इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले रुपया ऐतिहासिक गिरावट का सामना कर चुका था।
सुबह की कमजोरी, शाम तक सुधार – कैसा रहा पूरा दिन?
ट्रेडिंग की शुरुआत रुपये के लिए भारी दबाव वाली रही। बाजार खुलते ही रुपया 90.36 पर आ गया और कुछ ही मिनटों में फिसलकर रिकॉर्ड निचले स्तर 90.43 तक पहुंच गया। यह अब तक का सबसे कमजोर स्तर था।
कमजोरी की वजहें थीं:
- एफपीआई द्वारा भारी बिकवाली
- कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता
लेकिन दोपहर के बाद माहौल बदला। डॉलर की कमजोरी और इस अनुमान से कि RBI बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है, रुपये ने धीरे-धीरे रिकवरी शुरू की और दिन के अंत तक 89.96 पर पहुंच गया।
डॉलर इंडेक्स क्यों हुआ ढीला?
डॉलर इंडेक्स पर दबाव का बड़ा कारण था अमेरिका का कमजोर ADP नॉन-फार्म पेरोल डेटा। उम्मीद से खराब आए आंकड़ों ने डॉलर की मजबूती को कमजोर किया और इंडेक्स 0.01% गिरकर 98.84 पर आ गया।
बुधवार को रुपये ने पहली बार 90 से ऊपर बंद होकर बाजार को चौंका दिया था, लेकिन गुरुवार की रिकवरी ने स्थिति को थोड़ा संतुलित किया।
शेयर बाजार में भी दिखी मजबूती
न सिर्फ मुद्रा बाजार, बल्कि शेयर बाजार में भी गुरुवार को सकारात्मक रुझान देखने को मिला।
- सेंसेक्स 158 अंक बढ़कर 85,265 पर बंद हुआ
- निफ्टी 47 अंक चढ़कर 26,033 पर पहुंच गया
एक दिन पहले विदेशी निवेशकों की जोरदार बिकवाली की वजह से बाजार दबाव में था, लेकिन गुरुवार को आई रैली ने निवेशकों में भरोसा वापस जगाया।