ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, इंदौर में आज मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 के अंतर्गत “शहरी उत्कृष्टता के लिए आधुनिक तकनीक” विषय पर सत्र आयोजित हुआ। सत्र में शहरी विकास में एआई, IoT, डिजिटल ट्विन और क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक समाधानों पर चर्चा हुई।
क्वांटम टेक्नोलॉजी पर विशेष फोकस
सत्र में क्वांटम तकनीक की संभावनाओं पर विशेष चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि यह अगली पीढ़ी की तकनीक है जो डिजिटल डेटा सुरक्षा में क्रांतिकारी साबित हो सकती है। भारत सरकार का राष्ट्रीय क्वांटम मिशन इसी दिशा में कार्य कर रहा है।
कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण
AMNEX के हेड शामिक जोशी ने बताया कि शहरी विकास में कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है जिसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स के प्रयोग से यातायात की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है , नागरिकों के दैनिक जीवन को आसान बनाया जा सकता है साथ ही प्रशासन के स्तर पर भी सुविधा उपलब्ध हो सकती हैं। उनके द्वारा मुंबई शहर में सीमलेस टिकटिंग और बेंगलुरु में द्रुत मॉडल के संबंध में विस्तृत रूप से बताया गया।
तकनीकों के समाधानों पर चर्चा
यहां पर विनय ठाकुर (स्पेशल डायरेक्टर जनरल, BISAG-N) ने स्मार्ट पुलिसिंग, ट्रांसपोर्ट, और रेरा मॉनिटरिंग जैसे क्षेत्रों में तकनीक के एकीकरण की उपयोगिता बताई। इसके साथ ही आर.के. मिश्रा (MD, NICSI) ने बताया कि भारत सरकार NICSI के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में तकनीकी समाधानों को लागू कर रही है। इसके साथ ही कमलाकन्नन थिरुवादी (Bentley Systems) ने डिजिटल ट्विन तकनीक के ज़रिए रियल-टाइम डेटा एनालिसिस से योजनाएं बनाने की आवश्यकता जताई। यहां पर आशीष प्रधान (CTO, Quick Heal) ने भविष्य की साइबर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत गवर्नेंस मॉडल की वकालत की।
शामिक जोशी (AMNEX) ने IoT के ज़रिए यातायात और कनेक्टिविटी सुधारने पर ज़ोर दिया। उन्होंने मुंबई की सीमलेस टिकटिंग और बेंगलुरु के द्रुत मॉडल का उल्लेख किया। इसके साथ ही डॉ. अभय किम्मटकर (MD, cstechAI) ने पानी की गुणवत्ता और वितरण में सेंसर तकनीक के प्रयोग का सुझाव दिया। यहां प्रवीण दवे (Google Cloud India) ने एकीकृत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर बल दिया जिससे नियोजन और नागरिक सुविधाएं प्रभावी हों। श्रीजीत नायर (Protean) ने अनुमति-आधारित डेटा शेयरिंग सिस्टम की बात की जिससे नागरिकों के डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 के अंतर्गत आयोजित सत्र ने यह स्पष्ट किया कि स्मार्ट शहरों के निर्माण में केवल तकनीकी उपकरण नहीं, बल्कि दूरदर्शी सोच, सुरक्षित प्रणाली, और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण भी उतने ही जरूरी हैं।