करोड़ हेक्टेयर में irrigation पर सवाल, सरकार विधायकों की सुन नहीं रही

सीताराम ठाकुर, भोपाल

मप्र की भाजपा सरकार अगले चार सालों में एक करोड़ हेक्टेयर में सिंचाई ( irrigation ) का दावा कर रही है, जबकि वर्तमान में 45 लाख हेक्टेयर में ही बामुश्किल सिंचाई हो पा रही है। विधायकों द्वारा विधानसभा में उठाए गए भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दे और नई सिंचाई परियोजनाओं के काम प्रारंभ करने पर केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं। जबकि प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के नाम पर सरकार करीब 40 हजार करोड़ के काम कर रही है। जल संसाधन विभाग के अलावा एनवीडीए द्वारा निर्मित कराई जा रही परियोजनाओं के बाद भी टारगेट पूरा होने की संभावना कम ही नजर आ रही है।

पूरे प्रदेश irrigation के मामले आश्वासन में लंबित

विस के 2021 के सत्र के दौरान संजय पाठक ने हितग्राहियों को भू-अर्जन का लंबित मुआवजा दिलाने, त्योंथर के ग्राम खाम्हा सहित अन्य ग्रामों में सिंचाई ( irrigation ) सुविधा का विस्तार करने, चंदौरा जलाशय क मुख्य नहर की लाइनिंग का मुद्दा सुखदेव पांसे ने उठाया था, यह कार्य भी परीक्षणाधीन बताया गया है। जौरा में स्टॉप डेम कम काजवे का निर्माण,दिनेश राय मुनमुन ने हैदाराबाद की मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी को जल संसाधन विभाग द्वारा भुगतान में अनियमितता किए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग पर अभी तक कुछ नहीं हुआ। उधर,विधायक हिना कांवरे ने 2022 में खराड़ी जलाशय की नहर में लाइनिंग कार्य के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा, लेकिन यह प्रस्ताव अभी तक शासन को नहीं मिला, बल्कि चीफ इंजीनियर के यहां पेंडिंग होने के कारण आश्वासन पूरा नहीं हुआ। तत्कालीन प्रागीलाल जाटव ने करैरा नगर में रियान वॉटर टैंक द्वारा तोडेÞ गए सीसी से आए दिन हो रहे एक्सीटेंड का मुद्दा उठाया, लेकिन जोड़ी गई सीसी पर रेस्टोरेशन का कार्य शीघ्र पूरा कराने का आश्वासन पेंडिंग है। विधायकों द्वारा सदन में उठाए गए बांध और जलाशय निर्माण से जुडेÞ करीब 100 से अधिक प्रस्ताव और सुझाव पेंडिंग हैं।

आश्वासन में 7 साल से पेंडिंग हैं भ्रष्टाचार और नई परियोजनाओं के सुझाव

विधानसभा के फरवरी-मार्च 2017 में हुए सत्र के दौरान तत्कालीन विधायक मुकेश नायक ने पन्ना जिले में बांध टूटने के कारण और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध संस्थित जांच पूर्ण की जाकर ठेकेदार मेसर्स त्रिशूल कन्स्ट्रक्शन जबलपुर से व्यय की गई राशि की वसूली करने का मुद्दा उठाया था। जिस पर सरकार ने जवाब दिया था कि दोषी अधिकारियों पर डीई की जा रही है और ठेकेदार से वसूली की जाएगी। यह मुद्दा आश्वासन में पेडिंग है। ग्वालियर के भितरवार की क्षतिग्रस्त हुई हर्सी-टेकनपुर सडक़ का मरम्मत कार्य कराने का मुद्दा लाखन सिंह यादव ने उठाया था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस सडक़ को ठीक कराने में 75 या 100 करोड़ भी खर्च होंगे तो अगले बजट में लाएंगे, लेकिन यह भी आश्वासन क्रमांक 0/183 में पंडिंग है। बिलखुरा व सिरस्वाहा का मुद्दा मुकेश नायक ने 2018 में भी पुन: उठाया। सरकार ने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध डीई प्रारंभ की और कहा-जलाशय की मरम्मत पर 2 करोड़ की राशि खर्च हुई है, जिसकी वसूली दोषी निर्माण कंपनी त्रिशूल कंस्ट्रक्शन पर आरोपित की गई है, लेकिन मामला अभी भी पेंडिंग है।

इस साल इन विधायकों ने उठाए ये मुद्दे…

  • कमलेश्वर डोडियार… ग्राम पंचायत लुणी के राधाकुंआ में तालाव निर्माण कराने।
  • सुरेंद्र सिंह गहरवार… चित्रकूट के पाथरकछार रानीपुर एवं नरदहा में सिंचाई के लिए बांध बनाए जाने।
  • अनुभा मुंजारे… बड़ी नहरों से माइनर नहर बनाने, नहर के साइड मार्ग की मरम्मत कराने की मांग की है।
  • विवेक पटेल… बालाघाट जिले के नाद गांव अंतर्गत डोकरिया जलाशय का निर्माण कराने।
  • राजेंद्र पांडेय… रतलाम के ग्राम मचून में डेम निर्माण।
  • सुरेन्द्र सिंह… यूपी बार्डर के समीप कंदर बांध बनाने।
  • अभय मिश्रा… सेमरिया में प्रतापपुर माइनर से जरमोहरा बांध तक पानी पहुंचाने, सब माइनर नहर का निर्माण।
  • फूलसिंह बैरया… ग्राम रेडा से सेमई सब माइनर नहर का गहरीकरण एवं पक्का निर्माण कराने।
  • केदार डाबर… खारक तालाब से ग्राम चौखंड कान्या पानी सहित अन्य गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार।
  • बिसाहूलाल सिंह… गोहडारी नदी के कैलाश घाट पर रपटा कम स्टॉप डेम तथा कठना नदी पर डेम निर्माण।
  • राजेन्द्र भारती… सोय नदी पर स्टॉप डेम कम बीपरवाल को मंजूरी देने।
  • प्रहलाद लोधी… पन्ना जिले के खमरिया में सिंचाई के लिए बांध का निर्माण कराने।
  • रमेश प्रसाद खटीक… करैरा अंतर्गत महुअर नदी पर बने नावली डैम से माइक्रो सिंचाई परियोजना शुरू करने।
  • इंजी. ऋषि अग्रवाल… ग्वारखेड़ा नदी में डायवर्सन निर्माण कर कलौरा तालाब से पानी पहुंचाने।