रायबरेली नहीं छोड़ने पर Rahul Gandhi सहमत, सोनिया ने समझाया

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

ये तय हो गया है कि राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) मां सोनिया की सीट रायबरेली अपने पास रखेंगे। वे वायनाड छोड़ सकते हैं। बुधवार को हुई कांग्रेस की पहली बैठक और परिवार के साथ रायशुमारी के बाद उन्होंने यह फैसला किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल दोनों सीटों में से कौन सी सीट चुनें, उनके इस कन्फ्यूजन को सोनिया गांधी ने दूर किया। सोनिया ने राहुल को समझाया कि यूपी कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए उन्हें रायबरेली अपने पास रखना चाहिए।

Rahul Gandhi के वायनाड़ छोड़ने से प्रियंका लड़ सकती है

यह भी कहा जा रहा है कि प्रियंका दोबारा यूपी प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल सकती हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने इस पद को छोड़ दिया था। राहुल ( Rahul Gandhi ) के सीट छोड़ने पर प्रियंका वायनाड से उपचुनाव लड़ सकती हैं। गांधी परिवार इसके जरिए उत्तर के साथ दक्षिण में पकड़ मजबूत रखना चाहता है। राहुल के रायबरेली में बने रहने की सहमति के पीछे मां सोनिया की वह भावुक अपील भी है, जिसमें उन्होंने कहा था-मैं ‘आपको बेटा सौंप रही हूं।

परिवार ने समझाया रायबरेली क्यों जरूरी

पार्टी के एक सीनियर लीडर ने बताया कि मांं सोनिया, बहन प्रियंका और जीजा रॉबर्ट वाड्रा से बातचीत करके रायबरेली नहीं छोडऩे पर सहमत हो गए हैं। परिवार ने समझाया कि रायबरेली की जीत इस लिहाज से भी बड़ी है कि परिवार ने अमेठी की खोई सीट भी हासिल कर ली। रायबरेली में राहुल को वायनाड से बड़ी जीत मिली। ऐसे में रायबरेली छोड़ेंगे तो यूपी में गलत मैसेज जाएगा। यहीं नहीं, गांधी परिवार के मुखिया ने हमेशा यूपी से ही राजनीति की। पिता राजीव गांधी अमेठी और परदादा जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से चुनाव लड़ते रहे हैं। रायबरेली सीट उनकी मां, दादी इंदिरा और दादा फिरोज गांधी की सीट है।

प्रियंका खेमा चाहता था राहुल वायनाड नहीं छोड़ें

सूत्र बताते हैं कि प्रियंका गांधी के खेमे के कुछ लोग पहले की तरह चाहते थे कि राहुल वायनाड में ही रहें और प्रियंका रायबरेली से उपचुनाव लड़ें। दरअसल, नामांकन से ठीक एक दिन पहले ही गांधी परिवार ने फैसला लिया था कि राहुल रायबरेली से लड़ेंगे। यह फैसला आखिरी वक्त में इसलिए हुआ कि प्रियंका और रॉबर्ट दोनों चुनाव लडऩा चाहते थे, लेकिन पार्टी के सीनियर नेताओं ने प्रियंका को समझाया कि परिवारवाद के आरोप से कांग्रेस कमजोर होगी।