इंदौर। मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी की याद में एक बार फिर इंदौर शहर शायरी और कविताओं से गुलजार होने जा रहा है। राहत इंदौरी फाउंडेशन द्वारा उनकी जयंती के अवसर पर ‘राहत की बात’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह लगातार छठा वर्ष है जब फाउंडेशन द्वारा इस भव्य साहित्यिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।
यह कार्यक्रम नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2026 को इंदौर के आनंद मोहन माथुर ऑडिटोरियम में आयोजित होगा। वर्ष 2021 से शुरू हुआ यह सिलसिला अब शहर की साहित्यिक परंपरा का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इस साल डॉ. राहत इंदौरी की 76वीं जयंती मनाई जा रही है, जिसके उपलक्ष्य में फाउंडेशन ने एक भव्य ‘अखिल भारतीय मुशायरा और कवि सम्मेलन’ की रूपरेखा तैयार की है।
देशभर के नामचीन शायर करेंगे शिरकत
कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से प्रतिष्ठित शायर और कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। इस बार के मुशायरे में जयपुर से संपत सरल, मुंबई से शकील आज़मी और बाराबंकी से सलीम सिद्दीकी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा मुज़फ्फरनगर से खुर्शीद हैदर, नई दिल्ली से आदिल राशिद और रिज़वान मलिक भी अपनी शायरी पेश करेंगे।
स्थानीय और क्षेत्रीय प्रतिभाओं को भी मंच दिया गया है, जिसमें धार से डॉ. संदीप शर्मा और इंदौर से पूर्व पुलिस महानिरीक्षक महेंद्र सिंह सिकरवार शामिल हैं। लखनऊ से तबरेज़ मुनव्वर राना और मधुबनी से अनवर कमाल भी इस महफिल की शोभा बढ़ाएंगे।
रईस अनीस साबरी की कव्वाली होगी आकर्षण
इस वर्ष के आयोजन में एक विशेष आकर्षण भी जोड़ा गया है। कार्यक्रम में एक भव्य ‘सूफी कव्वाली कंसर्ट’ का आयोजन होगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कव्वाल रईस अनीस साबरी अपनी टीम के साथ प्रस्तुति देंगे। खास बात यह होगी कि वे डॉ. राहत इंदौरी की शायरी को अपने विशिष्ट कव्वाली अंदाज में पेश करेंगे, जो दर्शकों के लिए एक नया अनुभव होगा।
प्रवेश निःशुल्क, लेकिन रजिस्ट्रेशन जरूरी
राहत इंदौरी फाउंडेशन के सतलज राहत ने जानकारी दी है कि साहित्यप्रेमियों के लिए प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क रखा गया है। हालांकि, कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 25 दिसंबर से शुरू होगी। इसकी विस्तृत जानकारी फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाएगी।
गौरतलब है कि डॉ. राहत इंदौरी न केवल इंदौर बल्कि पूरी दुनिया में उर्दू शायरी का एक बड़ा नाम रहे हैं। उनकी रचनात्मक विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से ही राहत इंदौरी फाउंडेशन का गठन किया गया है, जो हर साल उनकी जयंती पर ऐसे साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है।