स्वतंत्र समय, भोपाल
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर सीएम डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने पलटवार किया है। सीएम ने भोपाल में कहा कि कांग्रेस जब देखो तब देशविरोधी तरीके से अपनी एक अलग पहचान बनाती है और राहुल गांधी इसके सिरमौर हैं।
CM Mohan Yadav बोले- राहुल गांधी को माफी मांगना चाहिए
सीएम डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा कि अतीत में उनके नेताओं ने आतंकवादियों के लिए जिस सम्मानजनक ढंग से बयान दिए और देशविरोधी ताकतों के साथ खड़े होकर अपनी देशविरोधी मानसिकता का परिचय दिया, वह राहुल गांधी भूल गए हैं। वे भारतीय लोकतंत्र के दूसरे सबसे बड़े पद पर बैठे हैं। सीएम ने कहा कि देश की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। उन्हें अपने बयान पर खेद व्यक्त करना चाहिए और इसे वापस लेना चाहिए। मैं मानता हूं कि लोकतंत्र में नीतियों पर बोला जाए, लेकिन देशविरोधी मानसिकता को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। मुझे विश्वास है कि राहुल गांधी को यह बात समझ आएगी और वे माफी मांगेंगे।
संघ प्रमुख के ‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान पर विपक्ष हमलावर
संघ प्रमुख मोहन भागवत के इंदौर में 13 जनवरी को दिए एक बयान पर विपक्ष हमलावर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे देशद्रोह वाला बयान बताया है। कहा कि बयान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ हर एक नागरिक का अपमान है। भागवत का कमेंट हमारे संविधान पर हमला है। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि यदि मोहन भागवत इसी तरह से बयान देते रहे तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस लीडर सचिन पायलट ने भी संघ प्रमुख के बयान का विरोध जताया है। इंदौर में अहिल्योत्सव समिती द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि प्रतिष्ठा द्वादसी, बहुशशुक्ल द्वादषी का नया नामकरण हुआ है। पहले हम कहते थे वैकुंठ एकाद्वसी और वैकुंठ द्वादसी लेकिन अब उसको प्रतिष्ठा द्वादसी कहना है। क्योंकि अनेक शतकों से परिचक्र झेलने वाले सच्चे स्वतंत्रता की प्रतिष्ठा उस दिन हो गई। स्वतंत्रता थी वह प्रतिष्ठीत नहीं हुई थी। भारत स्वतंत्र हुआ 15 अगस्त को तब राजनीतिक स्वतंत्रता हमें मिल गई थी, तब हमारा भाग्य निर्धारण करना हमारे हाथ में आ गया था।
तेजस्वी यादव ने भागवत से पूछे 5 सवाल
तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का अब बस यही कहना कि ‘दलितों-पिछड़ों का आरक्षण खत्म होगा तभी देश को असल मायनों में आजादी मिलेगी। बाकी रह गया है। उनके इस कथन से कि देश को असल स्वतंत्रता 2024 में ही मिली है। संघ प्रमुख ने आजादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है। संघ के लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में अपना कोई योगदान नहीं था इसलिए ये अब बाकियों के योगदान को खत्म करने के नए प्रपंच रच रहे हैं।