जमीन से जुड़े नेताओं को आगे लाने में जुटे राहुल गांधी, जिला अध्यक्षों का बढ़ेगा रूतबा

मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और यह चर्चा तेज हो गई है कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी कुछ ही दिनों में नए जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी कर सकते हैं। राहुल गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के साथ अहम बैठक की।  जिससे संगठन को मजबुत करने के लिए बड़े फैसलों की उम्मीद जताई जा गई है। चुनावों में लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस अब अपने संगठन को जिला स्तर पर मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम 3 अप्रैल को दिल्ली में होने वाली बैठक में लिया गया।

सांसद का टिकट तय करने की भी राय देंगे जिलाध्यक्ष
कांग्रेस का मानना है कि पार्टी की मजबूती का रास्ता जिला स्तर से होकर जाता है। यही कारण है कि संगठन में चर्चा हो रही है कि जिलाध्यक्षों को ज्यादा अधिकार दिए जाएं, क्योंकि उनकी फीडबैक पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। एआईसीसी ने भी जिला संगठनों को सशक्त बनाने पर जोर दिया है। आगामी चुनावों में जिलाध्यक्षों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि उन्हें पार्षद से लेकर सांसद तक के टिकट तय करने में अहम निर्णय लेने होंगे। इस प्रक्रिया में जिलाध्यक्षों की राय को प्राथमिकता दी जाएगी, और यह तय किया जाएगा कि टिकट किसे दिया जाए और किसे नहीं।

पार्टी की मजबूती का रास्ता जिला स्तर से  जाएंगा..? बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने जीतू पटवारी को नए जिलाध्यक्षों के चयन के लिए हरी झंडी दे दी है, और जल्द ही हम नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा देख सकते हैं। जिन जिलाध्यक्षों का कार्यकाल तीन साल से अधिक हो चुका है, उनके बदलने की संभावना है। साथ ही, जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइंस भी तय की गई हैं, जिनमें जिलाध्यक्ष की उम्र 50 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, और उन्हें पार्टी में कम से कम 10 से 15 साल का अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें तकनीकी जानकारी और सोशल मीडिया पर सक्रियता भी होनी चाहिए, क्योंकि सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच समन्वय स्थापित करने में एक अहम भूमिका निभाता है।

अहमदाबाद में होगा प्रस्ताव पास
कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन इस बार अहमदाबाद में होने जा रहा है, जहां जिलाध्यक्षों को अधिक अधिकार देने वाले प्रस्ताव पर चर्चा और मंजूरी मिल सकती है। इसके बाद, यह प्रस्ताव सभी प्रदेशों की कांग्रेस कमेटी में लागू किया जाएगा। 27 मार्च से देशभर में 250 जिला अध्यक्षों की बैचों में बैठकों की शुरुआत हो चुकी है,