मध्य प्रदेश के 8 जिलों में बारिश-तूफान की चेतावनी, अगले 4 दिन तक बरसेंगे बादल, तापमान गिरने से बढ़ेगी ठंडक

मध्य प्रदेश से इस साल का मानसून आधिकारिक रूप से विदा हो चुका है, लेकिन उसका असर अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। मानसून के जाने के बाद भी कई हिस्सों में बादल बरस रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के दक्षिणी जिलों में एक बार फिर से हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बन रही है। विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 15 और 16 अक्टूबर को कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। यह स्थिति अगले चार दिनों तक बनी रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद मौसम तेजी से बदलेगा और प्रदेश में ठंडी हवाओं का असर महसूस होने लगेगा। यानी आने वाले हफ्तों में सर्दी की शुरुआत का संकेत साफ दिख रहा है।

मानसून गया, लेकिन बूंदाबांदी नहीं थमी

मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को सीधी और सिंगरौली समेत 10 जिलों से मानसून पूरी तरह लौट गया। इस साल मानसून ने 16 जून को मध्य प्रदेश में दस्तक दी थी और करीब 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहा। हालांकि अब इसके विदा होने के बाद भी कई इलाकों में बारिश का दौर पूरी तरह थमा नहीं है। आम तौर पर मानसून के जाते ही आसमान साफ हो जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर के मध्य में भी प्रदेश के कई जिलों में रुक-रुक कर वर्षा देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण स्थानीय स्तर पर सक्रिय हो रहे मौसम तंत्र हैं, जो नमी को बनाए हुए हैं और बारिश के हालात पैदा कर रहे हैं।

दक्षिणी जिलों में फिर बरस सकते हैं बादल

मौसम विभाग ने बुधवार और गुरुवार यानी 15 और 16 अक्टूबर के लिए दक्षिणी मध्य प्रदेश के आठ जिलों में बारिश की संभावना जताई है। इनमें खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन इलाकों में अगले दो से तीन दिनों के दौरान हल्की बारिश के साथ गरज-चमक और बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह बरसात किसी बड़े सिस्टम की वजह से नहीं बल्कि केवल लोकल एटमॉस्फेरिक कंडीशन की वजह से हो रही है, जो पूर्वी दिशा में सक्रिय है। यह प्रणाली ज्यादा प्रभावी तो नहीं होगी, लेकिन इसके चलते वातावरण में नमी बढ़ेगी और बादलों का असर बना रहेगा।

लोकल सिस्टम और ऊपरी हवा के सर्कुलेशन से बदल रहा मौसम

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस समय एक ऊपरी हवा का साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है, जो पूर्वी मध्य प्रदेश पर असर डाल सकता है। हालांकि इसका प्रभाव सीमित रहेगा, लेकिन इसके कारण दक्षिणी जिलों में हल्की वर्षा देखी जा सकती है। यह सिस्टम ज्यादा मजबूत नहीं है, इसलिए बारिश रुक-रुक कर होगी और उसका असर केवल कुछ घंटों तक रहेगा। इसके बाद जैसे-जैसे यह सिस्टम कमजोर होगा, ठंडी हवाओं का प्रभाव और अधिक बढ़ेगा। इसका परिणाम यह होगा कि प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रात का तापमान गिरकर 15°C से नीचे जा सकता है।

ठंडी हवाओं की दस्तक, सर्दी की आहट महसूस होने लगी

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी शुरू हो चुकी है, और वहां से बहने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं अब मध्य प्रदेश की ओर रुख कर रही हैं। यही हवाएं राज्य के तापमान को धीरे-धीरे नीचे ला रही हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और खंडवा जैसे शहरों में सुबह और देर रात की ठंडक अब महसूस होने लगी है। लोग हल्के गर्म कपड़े निकालने लगे हैं। मौसम विभाग का कहना है कि यह ठंड फिलहाल शीतलहर का रूप नहीं लेगी, लेकिन अक्टूबर के आखिरी हफ्ते तक रातें और ज्यादा ठंडी हो सकती हैं।

सेहत पर असर, सतर्कता जरूरी

मौसम में अचानक हो रहे बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल सकता है। दिन और रात के तापमान में अंतर बढ़ने से सर्दी, खांसी, गले में खराश और जुकाम जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि सुबह और रात के समय बाहर निकलते वक्त कपड़ों का ध्यान रखें और पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें। डॉक्टरों के मुताबिक, इस समय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो जाती है, इसलिए खानपान में सावधानी और नींद पूरी लेना बेहद ज़रूरी है।

अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान

मौसम विभाग का अनुमान है कि 17 अक्टूबर के बाद बारिश का दौर धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा और आसमान साफ रहेगा। दिन के समय धूप खिली रहेगी, लेकिन सुबह और रात का तापमान लगातार घटेगा। अक्टूबर के अंत तक प्रदेश में ठंडी हवाएं पूरी तरह हावी हो सकती हैं। यानी आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश में सर्दी की शुरुआत तय मानी जा रही है।