बारिश से बचे, जाम में फंसे : जल जमाव शहर के traffic की जान निकाली

स्वतंत्र समय, इंदौर

आजकल भारी बारिश में लंबे-लंबे ट्रैफिक ( traffic ) जाम होना किसी एक शहर की समस्या नहीं है बल्कि पूरी दुनिया की समस्या बन गए हैं। थोड़ी सी भारी बारिश में सडक़ों पर जलभराव हो जाता है, इसमें गाडिय़ां फंस जाती हैं और लोग जाम में फंस जाते हैं। इंदौर शहरह में कई बार ऐसी स्थिति बनी है, जब लोग भारी बारिश के कारण कई किलोमीटर लंबे ट्रैफिक जाम में फंस गए उन्हें जाम निकलने के लिए पसीने छुट जाते है। मंगलवार की शाम को हुई बारिश के बाद भी पूरा इंदौर के लोगों को भारी जाम से जूझना पड़ा। लोग लंबे जाम से जूझने के बाद ही देर रात तक अपने घर पहुंच सके। बारिश के कारण शहर में जलजमाव का सबसे बड़ा कारण डै्रनेज सिस्टम ठीक नहीं होना है। जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने पर पानी सडक़ों-कॉलोनियों में फैल जाता है।

traffic के चलते बीआरटीएस ने फिर खूब रुलाया

मंगलवार की दोपहर तक कड़क धूप और भीषण गर्मी लग रही थी, लेकिन शाम होते ही मौसम में ऐसी करवट बदली की पूरे शहर को तरबतर कर दिया। शाम को हुई मुसलाधार बारिश ने शहर के यातायात का कचूमर और ऊपर से जल जमाव ने इंदौर के ट्रैफिक ( traffic ) की जान ही निकाल दी। जगह जगह धार्मिक आयोजनों और स्वागत मंचों ने भी वाहन चालकों को सताने में कसर नहीं छोड़ी। शहर के प्रमुख मार्गों पर वाहनों का लम्बा जाम लगा रहा। वाहनों का जाम इस कदर था की वाहन रैंगते हुए आगे बढ़ रहे थे। हमेशा की तरह बीआरटीएस का हिस्से ने फिर से वाहन चालकों को खूब रुलाया। बीआरटीएस के दोनों तरफ की सर्विस रोड पर वाहनों की लम्बी कतारे लगी हुई थी। टै्रफिक पुलिस को भी टै्रफिक को कंट्रोल करने में पसीने छुट रहे थे।

एक घण्टे की बरसात में डूब गया इंदौर

हर बारिश पर ऐसा ही होता है । जैसे ही तेज बारिश होती है पूरा शहर तालाब का रुप ले लेता है। शहर की सडक़ों पर इतना पानी भर जाता है की वाहन निकालने में परेशानी होती है। गड़्ढ़ों में पानी भर जाने के कारण दोपहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा दुर्घटना के शिकार होते है। शहर में जगह जगह पानी जमा होने का मुख्य कारण यह है की पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना है। इंदौर नगर निगम स्वास्थ विभाग की लापरवाही का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है…। स्टॉर्म वॉटर लाइनों की सफाई न होने के कारण पानी सडक़ों पर जमा रहता है। इसके अलावा शहर भर में लगे लीटर बिन में गायब होने की वजह से कचरा स्टॉर्म वाटर लाइन में फस जाता है ।

बारिश ने शहर के कई आदर्शों में पानी भर दिया

नगर निगम की प्रतिस्पर्धा आज फिर सामने आई। आईटी इस शहर की जनता को बढ़ावा मिल रहा है। स्टॉर्म वॉटर वैगन की सफाई नहीं होने से बेरोजगारी चोक हो गई। ऑल्टर्स बिन ज्यादातर गायब हो गए, जहां पर कचरा बीहड़ों में फेंक दिया गया। वे कचरा अब स्टॉर्म वॉटर लाइन में फंस गया। मंगलवार को हुई रुक रुककर बारिश ने शहर के कई आदर्शों में पानी भर दिया। इस कारण सडक़ पर जाम की स्थिति बन गई और कई वाहन चालकों के साइलेंसर में पानी के निशान से तालाब बंद हो गए, जिनमें महू नाका, रीगल , श्रमिक क्षेत्र, चिमनबाग, मालवा मिल, बीआरटीएस, पलासिया, रेलवे स्टेशन , द्वारिकापुरी, प्रजापत नगर, समाजवादी इंदिरा नगर आदि शामिल है।

ट्रैफिक पुलिस के पसीने छूटे

शाम को मूसलाधार बारिश हुई जिसके कारण शहर के कई प्रमुख मार्गों पर पानी भर गया। बारिश थमते ही शहर में अचानक टै्रफिक का फ्लो बढ़ गया। देखते ही देखते शहर के सभी प्रमुख मार्गों जिनमें पलासिया, बीआरटीएस, रीगल , राजानी चौराहा, जीएसटीआईटीएस चौराहा, मालवा मिल, मालगंज, राजमोहल्ला, भंवरकुआ , नवलखा, राजीव गांधी चौराहा, निरंजनपुर , पाटनीपुरा, परदेसीपुरा जैसे मार्गों पर वाहनों की लम्बी लम्बी कतारें लग गई। हर चौराहे पर पुलिस को टै्रफिक को सुधारने के लिए पसीने छुट गए। प्रमुख मार्गों को क्लीयर करने के लिए दो से तीन घंटे लग गए। टै्रफिक पुलिस को जाम हटाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी।
जलजमाव से ट्रैफिक जाम की अव्यवस्था पैदा होती है: कुछ अधिकारियों ऐसा मानना है की हमारे यहां जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने पर पानी सडक़ों-कॉलोनियों में फैल जाता है। इंदौर में सडक़ों पर बनी बाढ़ के पीछे इसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बारिश में सडक़ों पर बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इसमें बीच-बीच में गाडिय़ों के खराब हो जाने से जो ट्रैफिक जाम की अव्यवस्था पैदा होती है, उसे संभालना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी और कार्यक्षेत्र बिल्कुल सुनिश्चित होने चाहिए। इसके लिए उन्हें उचित श्रम-धन बल भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

मूसलधार वर्षा के बीच बिजली आपूर्ति के लिए जतन..

इंदौर शहर में मंगलवार को मौसम में काफी बदलाव आया। दोपहर से लेकर शाम तक कई क्षेत्र में ढाई इंच वर्षा दर्ज हुई। इस दौरान शहर के 11 केवी के 530 में से मात्र 6 फीडरों से बिजली वितरण अवरूद्द हुआ। इ्न फीडरों को भी बरसते पानी में बिजली वितरण कंपनी के कार्मिकों ने आधे घंटे से लेकर डेढ़ घंटे में ठीक कर दिया। दोपहर से शाम तक तेज वर्षा के दौरान तीसों जोन के तहत 600 से ज्यादा शिकायतों का निराकरण किया गया।