इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की दो सहेलियां—दीपांशी और प्रियांशी—गुरुवार को शिलॉन्ग कोर्ट की सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुईं। दोनों युवतियां इंदौर से ही ई-सेवा प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़ीं, जबकि उनके वकील कोर्ट में मौजूद रहे।
कोर्ट में गवाही और सवाल-जवाब
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सबसे पहले दीपांशी की पहचान प्रक्रिया पूरी की और उससे सोनम के व्यवहार से जुड़े सवाल पूछे। अदालत ने यह भी जानकारी ली कि क्या वह राजा रघुवंशी को जानती थी। दीपांशी का बयान रिकॉर्ड कर लिया गया, जबकि प्रियांशी का बयान अगली सुनवाई में दर्ज किया जाएगा। बयान देने के बाद दोनों युवतियां मीडिया से दूरी बनाते हुए कोर्ट से बाहर निकल गईं।
सरकारी वकील की मांग पर हुई पेशी
दीपांशी और प्रियांशी को पेश करने की मांग सरकारी वकील की ओर से की गई थी। दोनों युवतियों को दूसरा नोटिस 27 नवंबर 2025 को भेजा गया था। इससे पहले मिले नोटिस पर वे शिलॉन्ग कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाई थीं। दोनों युवतियां सोनम के भाई गोविंद की फैक्ट्री में कम्प्यूटर कार्य करती हैं।
राजा रघुवंशी की मौत: कैसे खुली हत्या की परतें?
11 मई को शादी के बाद 20 मई को राजा और सोनम हनीमून के लिए मेघालय के लिए रवाना हुए थे। 22 मई को दोनों सोहरा घूमने निकले और वहां उन्होंने एक एक्टिवा किराए पर ली थी। 24 जून के बाद परिवार का उनसे संपर्क टूट गया।
27 मई से उनकी तलाश शुरू की गई, लेकिन 29 मई की तेज बारिश से खोज अभियान रोकना पड़ा। 30 मई को फिर तलाश शुरू हुई और 2 जून को राजा का शव एक खाई में मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि उसकी हत्या पेड़ काटने वाले उपकरण से की गई थी।
सोनम की गिरफ्तारी और जांच में खुलासे
राजा की मौत के बाद पुलिस ने सोनम की तलाश शुरू की। 9 जून को वह यूपी के गाजीपुर स्थित एक ढाबे पर मिली। इसके बाद मामले से जुड़े कई रहस्य खुलते चले गए। पुलिस अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से तीन को जमानत मिल चुकी है।
एसआईटी ने पेश की 790 पन्नों की चार्जशीट
6 सितंबर को मेघालय पुलिस की एसआईटी ने शिलॉन्ग कोर्ट में 790 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की। इसमें सोनम, उसके बॉयफ्रेंड राज कुशवाह समेत पांच लोगों को हत्या के आरोपों में नामजद किया गया है। सभी पांच मुख्य आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।