Raja Raghuvanshi Murder: सोनम की कहानी में छिपे कई राज, महज़ इश्क नहीं था कत्ल की वजह

Raja Raghuvanshi Murder: सवाल उठता है—क्या महज़ प्रेम ही था जो सोनम को कत्ल तक ले गया? या फिर यह कहानी उतनी सीधी नहीं जितनी दिखती है? भाई गोविंद का यह कहना कि सोनम राज कुशवाह को राखी बांधती थी, पूरी कहानी की दिशा ही मोड़ देता है। मोबाइल में ‘दीदी’ के नाम से सेव नंबर और राखी के रिश्ते की बात—अगर यह सच है, तो फिर कत्ल की वजह क्या थी?

1. क्या सिर्फ मोहब्बत वजह थी?
सोनम रघुवंशी के पति की हत्या का कारण सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है। मामले की तह में जाएं तो उसमें जिद, नियंत्रण की चाह, और एक अलग मानसिक सोच की परतें दिखाई देती हैं। राज कुशवाह को राखी बांधने का दावा और फिर उसी से प्रेम संबंध — ये सब एक सामान्य मानसिकता की कहानी नहीं हो सकती।

2. टैटू से झलकती सोच
सोनम का ‘बहती लहरों’ वाला टैटू सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं, बल्कि उसके सोचने और जीने के तरीके की झलक देता है। वह जीवन में बंधन नहीं चाहती थी। अपने हिसाब से जीना उसका तरीका था, और जब परिवार या समाज ने उस पर दबाव बनाया, तो उसका विद्रोह जानलेवा बन गया।

3. प्रेम या नियंत्रण की भूख?
राज कुशवाह सिर्फ सोनम का प्रेमी नहीं, बल्कि उसकी आज्ञा का पालन करने वाला एक युवक था। सोनम को ऐसा साथी चाहिए था जो उसके हर फैसले को बिना सवाल माने। राजा रघुवंशी जैसा ‘स्वतंत्र सोच’ वाला पति इस सोच में फिट नहीं बैठता था — यही बना उसकी मौत की वजह।

4. एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण
सोनम के व्यवहार में विशेषज्ञों ने एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के साफ लक्षण देखे। ऐसे लोग बिना अपराधबोध के गलत काम कर सकते हैं। हत्या के बाद भी उसका शांत रहना, नींद पूरी करना और रोना न आना इस मानसिक स्थिति को दर्शाता है।

5. खुद की मर्जी, किसी भी कीमत पर
सोनम अपनी मर्जी के खिलाफ कोई भी परिस्थिति स्वीकार नहीं कर सकी। जब परिवार ने शादी का फैसला खुद लिया, तो उसने इसका विरोध हत्या जैसे क्रूर कदम से किया। उसके लिए अपने ‘मन की बात’ सबसे ऊपर थी — भले ही उसके लिए किसी की जान लेनी पड़े।

6. क्लस्टर बी पर्सनालिटी के लक्षण
सोनम का व्यक्तित्व क्लस्टर बी श्रेणी में आता है, जहां व्यक्ति आकर्षक और प्रभावी तो हो सकता है, लेकिन भावनात्मक रूप से अस्थिर और आत्मकेंद्रित होता है। ऐसे लोग नतीजे की परवाह किए बिना अपने फैसले पर अडिग रहते हैं — अच्छे या बुरे।

7. परिवार से विरोध, अंदर ही अंदर सुलगती बगावत
बचपन से पारिवारिक व्यवसाय में लगी सोनम बाहर से शांत और जिम्मेदार दिखती थी, लेकिन भीतर एक बगावत पल रही थी। शादी को लेकर जब उस पर दबाव बढ़ा, तो उसने परिवार से अलग रास्ता चुन लिया — और यह रास्ता सीधा अपराध तक जा पहुंचा।

8. गुनाह के बाद भी बेअसर चेहरा
जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, तब भी उसके चेहरे पर डर या पछतावे का कोई निशान नहीं था। यह भावशून्यता सामान्य नहीं है — ये संकेत है उस मानसिक विकृति का, जो उसे अपराधी नहीं बल्कि एक जिद्दी और मनोवैज्ञानिक रूप से अस्थिर इंसान साबित करता है।