इंदौर के नवविवाहित दंपत्ति जो कि शिलांग में हनीमुन मनाने गए थे। उसमें पति राजा रघुवंशी का शव मिलने और उसके बाद उसके पोस्टमार्टम में हत्या के खुलासे के बाद अब पुलिस जांच की टीम कई पहलुओं पर जांच कर रही है। यहीं पत्नी सोनम का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है, इसके बाद यह पूरा घटनाक्रम एक साजिश की तरह नजर आ रहा है। यह साजिश है इसकी पुष्टि तब ओर हो जाती है जब राजा की हत्या में जिस हथियार का प्रयोग किया गया है वह पूर्वोत्तर का चाकू है जिसे लोग ‘डाव’ के नाम से जानते है। यह भी बताया जा रहा है कि यह “डाव” जो हत्या में प्रयुक्त किया गया है वह नया था जिससे यह संदेह भी होता है कि किसी ने हत्या करने के लिए इस हथियार को खरीदा था या आनलाइन मंगाया था क्योकि यह वहां स्थानिय तौर पर आनलाइन भी मंगाया जा सकता है। यह एक बड़ा एंगल है जिस पर अब पुलिस को गहन जांच करना है।
नया हथियार, सुनियोजित साजिश
मौके से बरामद हथियार एक नया डाव था, जिससे आशंका जताई जा रही है कि यह विशेष रूप से हत्या के लिए खरीदा गया। डाव स्थानीय बाजारों के साथ-साथ ऑनलाइन भी आसानी से उपलब्ध होता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि राजा की हत्या के बाद शव को खाई में फेंका गया या फिर घायल अवस्था में ही उन्हें नीचे धकेल दिया गया। यह स्पष्टता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही आएगी। राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सोमवार को शव मिलने के बावजूद पोस्टमार्टम में देरी की गई। यह कार्य मंगलवार दोपहर को नॉर्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज में संपन्न हुआ। शिलांग पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम का गठन किया है, जिसकी अगुवाई सिटी एसपी करेंगे। टीम में चार डीएसपी और दो सब-इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं। पुलिस विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है—चाहे वह आपसी रंजिश हो, लूटपाट की कोशिश, या किसी और गहरे षड्यंत्र की कड़ी। परिजनों ने शिलांग पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि स्थानीय पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही, जिससे उन्हें न्याय मिलने में संदेह है।