स्वतंत्र समय, भोपाल
डा. भीमराव अंबेडकर फ्लाईओवर की गुणवत्ता में खामियां ( poor construction ) उजागर होने के बाद दो इंजीनियर को सस्पेंड कर, दो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राजधानी के इतने बड़े प्रोजेक्ट में इतनी गंभीर खामियां उजागर होने के बाद सरकार की किरकिरी हो रही है। इसी महीने होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को देखते हुए इसे सरकार गंभीरता से ले रही है, मगर क्या आपको पता है कि इस फ्लाईओवर को किस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया है? दरअसल इसके कर्ताधर्ता प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल के के भाई विनोद कुमार शुक्ला, जो वीकेएससीसी या विनोद कुमार शुक्ला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के कर्ताधर्ता हैं। राजधानी में हुए घटिया निर्माण से सरकार सकते में है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल के भाई ने घटिया फ्लाईओवर बनाया !
भोपाल के सबसे लंबे ब्रिज में poor construction
निरीक्षण दल ने पाया कि एलिवेटेड कॉरिडोर के दोनों ओर क्रैश बैरियर और मुख्य केरिज-वे के बीच की लगभग 18 इंच चौड़ी पटरी की गुणवत्ता के स्तर की नहीं है। इस पटरी को मुख्य स्लैब से जोड़ने के कार्य में भी कमी देखी गई। जिसके कारण कई स्थानों पर मुख्य स्लैब और पटरी के जोड़ों में क्षरण के चिन्ह दिखाई दिए। तकनीकी अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान बताया कि करीब 3 किलोमीटर लंबे 4 लेन के इस एलिवेटेड कॉरिडोर की डिजाइन, सुरक्षा और स्ट्रक्चरल गुणवत्ता में कई कमियां हैं। राइडिंग सरफेस की गुणवत्ता और फिनिशिंग नहीं पाई गई। विशेष रूप से दो स्थानों पर जहां एक्सपेंशन जॉइंट लगाए गए हैं, वहां अधिक क्षरण पाया गया।
मुख्यमंत्री ने किया था लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भोपाल के सबसे लंबे ब्रिज जीजी फ्लायओवर का लोकार्पण किया। 153 करोड़ की लागत से बने 2534. मी. लंबे इस ब्रिज को अब डॉ भीमराव आंबेडकर सेतु के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने संबोधन में इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस ब्रिज का एक सिरा सुभाष चंद्र बोस सेतु से जुड़ता है तो दूसरा सिरा सावरकर सेतु से जुड़ेगा।
जनवरी में हुआ था लोकार्पण
फ्लाई ओवर का निर्माण दिसंबर 2020 में शुरु हुआ था और दिसंबर 2024 में पूरा हो गया। इसे लोकार्पित करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। पहले इसे 26 दिसंबर 2024 को शुरु करने की योजना थी, लेकिन 23 जनवरी को लोकार्पण हो सका।
दरअसल पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह के गुजरात दौरे के कारण यह तिथि टालनी पड़ी। इसके बाद तीन जनवरी 2025 को लोकार्पण की नई तिथि तय की गई थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन और राष्ट्रीय शोक के चलते इसे फिर स्थगित कर दिया गया।