राजगढ़: पूरे देशभर में नागपुर के बाद राजगढ़ भी संतरे की खेती का एक बड़ा हब बन चुका है | यहाँ के संतरे का रस बहुत ही मीठा होता है | यहाँ के संतरे का साइज भी बड़ा होता है | दिल्ली, मुंबई,कानपूर,,ग्वालियर, भोपाल, इंदौर में राजगढ़ के संतरे की भारी मात्रा में डिमांड है,और तो और यहाँ के संतरे विदेशों को बड़े स्तर पर निर्यात किये जाते है |
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले को मिनी नागपुर के नाम से भी जाना जाता है | नागपुर के बाद संतरे की सबसे ज्यादा खरीदारी की प्राथमिकता राजगढ़ को ही दी जाती है | शुद्ध जलवायु और प्रकृति के कारण यहां के संतरे की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है,और यहाँ संतरों की ठीक-ठाक कीमत भी आसानी से मिल जाती है | इस समय राजगढ़ जिले में करीब 21 हजार हेक्टेयर में संतरे की खेती की जा रही है |
महाराष्ट्र के फ्रूट व्यापारी राहुल ने बताया कि राजगढ़ जिले का संतरा साइज में अन्य जगह के संतरे से बड़ा होता है और मिठास के मामले में भी यहाँ के संतरे अन्य जगहों से अव्वल है | राहुल ने बताया कि उन्होंने राजगढ़ में 100 संतरे के बगीचे खरीदे हैं जिनमे से 90 बगीचो के संतरों को तोड़ लिया गया है और बचे हुए बगीचो में संतरे की तुड़ाई करने आए हैं | संतरे की सवा सौ गाड़ी यहाँ से भरकर कानपुर जा चुकी है |कानपूर में 60 किलो संतरा 500 रुपये के रेट से बिकता है |
अपने बड़े साइज़ और मीठे रस से मशहूर
संतरा व्यापारी विनोद खत्री ने बताया कि गर्मी के दिनों में संतरे का सेवन काफी अच्छा होता है और यहाँ लू से हमारा बचाव भी करता है | देशभर में काफी बड़ी संख्या में लोग संतरा खाना पसंद करते हैं | यहां के संतरे का रस बहुत ही मीठा होता है और यहाँ साइज में भी बड़ा होता है | अभी तक में यहाँ से 70 गाड़ी भरकर संतरे ले जा चुका हूं क्युकी राजगढ़ संतरे का गढ़ है |