राजीव चंद्रशेखर का आरोप -केरल में बढ़ रहा है नेपोटिज्म

राजीव चंद्रशेखर : भाजपा ने केरल की एलडीएफ सरकार पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके मंत्री अपने रिश्तेदारों और पार्टी के वफादारों को निजी स्टाफ के तौर पर रख रहे हैं। इससे इन लोगों को सरकारी पेंशन और दूसरी सुविधाएँ मिल रही हैं। भाजपा का दावा है कि यह खुला नेपोटिज़्म है और सरकारी पदों का दुरुपयोग करता है।

भाजपा ने लगाए कौन-कौन से आरोप?

राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब केरल सरकार को रोज़ के खर्च चलाने में मुश्किल हो रही है, तब भी पिनराई मॉडल जैसी व्यवस्था जारी है। उन्होंने कहा कि बहुत से योग्य लोग पीएससी लोक सेवा आयोग की सूची में होने के बावजूद नौकरी से वंचित हैं, जबकि नेताओं के करीबी लोगों को सीधे सरकारी पदों पर रखा जा रहा है। उनका आरोप है कि इस मॉडल में कुछ लोगों को केवल ढाई साल की सेवा के बाद भी पेंशन मिल रही है, जबकि सामान्य रूप से पेंशन के लिए कम से कम तीन साल काम करना ज़रूरी होता है।

राजनीति में आंकड़ों की ज़ुबानी जंग

भाजपा नेता ने कहा कि एलडीएफ सरकार के पहले कार्यकाल (2016–2021) में 557 लोगों को मंत्रियों के निजी स्टाफ के रूप में रखा गया। उनका दावा है कि इन लोगों को ढाई साल बाद इस्तीफा दिलवा दिया गया, ताकि उनकी जगह नए लोगों को रखा जा सके और ज्यादा लोगों को सरकारी पेंशन का फायदा मिल सके। यह सब आम जनता के टैक्स के पैसों से किया गया।

कांग्रेस और केंद्र सरकार के मंत्री ने उठाई आपत्ति

कांग्रेस के केरल अध्यक्ष सनी जोसेफ ने भी सरकार की आलोचना की और कहा कि मंत्रियों के निजी स्टाफ को पेंशन देने के नाम पर बड़ी रकम दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने भी इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मंत्रियों के पास निजी स्टाफ रखना सही नहीं लगता क्योंकि ये लोग कुछ ही साल काम करके पूरी पेंशन और बाकी सुविधाएं पा जाते हैं, जबकि आम लोगों को पेंशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।