Rajiv Khandelwal ने 18 साल बाद बताया क्यों छोड़ा ‘कहीं तो होगा’! एकता कपूर से टकराव के बाद लोग कहने लगे अहंकारी

भारतीय टेलीविजन के सुनहरे दौर में Rajiv Khandelwal ने ‘कहीं तो होगा’ में सुजल गरेवाल के किरदार से घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। यह शो, जो 2003 से 2007 तक स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ, एकता कपूर के बालाजी टेलीफिल्म्स का एक मील का पत्थर साबित हुआ। लेकिन शो की चरम लोकप्रियता के बीच राजीव ने इसे अलविदा कह दिया, जिसके बाद उनके और एकता कपूर के बीच टकराव की खबरें सुर्खियों में रहीं। कई लोगों ने राजीव को अहंकारी तक कह डाला। अब, 18 साल बाद, राजीव ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए अपने फैसले के पीछे की वजह साझा की है।

Rajiv Khandelwal: ‘कहीं तो होगा’ से मिली थी अपार लोकप्रियता

राजीव खंडेलवाल ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी। 2002 में ‘क्या हादसा क्या हकीकत’ में एक नकारात्मक किरदार निभाने के बाद, उन्हें असली पहचान मिली एकता कपूर के शो ‘कहीं तो होगा’ से। इस शो में सुजल और कशिश (आमना शरीफ) की प्रेम कहानी ने दर्शकों को दीवाना बना दिया। जेन ऑस्टेन के उपन्यास प्राइड एंड प्रेजुडिस पर आधारित यह शो उस समय का सुपरहिट डेली सोप था। राजीव की आकर्षक शख्सियत और दमदार अभिनय ने उन्हें युवाओं, खासकर महिला दर्शकों, का चहेता बना दिया।

Rajiv Khandelwal: एकता कपूर से टकराव की सच्चाई

राजीव ने उन दिनों को याद करते हुए बताया कि ‘कहीं तो होगा’ छोड़ने का उनका फैसला उनकी निजी और पेशेवर प्राथमिकताओं पर आधारित था। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से ऐसा अभिनेता बनना चाहता था जो गुणवत्ता को प्राथमिकता दे, न कि केवल प्रसिद्धि को। उस समय शो की कहानी एक दिशा में जा रही थी, जो मेरे किरदार और मेरे विजन से मेल नहीं खा रही थी। मैं नहीं चाहता था कि सुजल का किरदार दोहराव का शिकार हो।”

राजीव ने एकता कपूर के साथ अपने मतभेदों को भी स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि एकता के साथ उनकी कई बार रचनात्मक असहमतियां हुईं। “हम दोनों ही अपने काम को लेकर जुनूनी थे। एकता एक शानदार निर्माता हैं, और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन कई बार हमारी सोच अलग थी। मैंने जोखिम उठाया और अपने दिल की सुनी। यह आसान नहीं था, क्योंकि उस समय मुझे अहंकारी कहकर आलोचना झेलनी पड़ी।