राज्यसभा में हंगामा… चर्चा तथ्य और सत्य पर होनी चाहिए : Amit Shah

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

राज्यसभा में अंबेडकर को लेकर अपनी टिप्पणी पर गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) ने कहा कि स्वाभाविक है कि लोकसभा-राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष होते हैं तो हर मुद्दे पर लोगों का नजरिया और दलों का नजरिया अलग होता है। मगर संसद जैसे सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। मंगलवार से कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा है।

Amit Shah बोले- कांग्रेस अंबेडकर विरोधी है

अमित शाह ( Amit Shah ) ने कांग्रेस के बयानों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने कहा-कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है, सावरकर का भी अपमान किया, आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दीं, नारी सम्मान को भी सालों दरकिनार किया, न्यायपालिका का अपमान किया, शहीदों का अपमान किया, भारत की भूमि को संविधान तोडक़र विदेशी ताकतों को देने की हिमाकत की। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह को रात 12 बजे से पहले बर्खास्त कर दें।

खड़गे ने मांगा शाह से इस्तीफा

खड़गे ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और शाह एक-दूसरे के पापों और बातों का बचाव करते हैं। दरअसल, गृह मंत्री शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था , अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। कांग्रेस ने इसे अंबेडकर का अपमान बताते हुए शाह के इस्तीफे की मांग की है।

गडकरी-सिंधिया सहित 20को नोटिस भेजेगी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और गिरिराज सिंह सहित 20 सांसदों को नोटिस भेजेगी। ये सांसद मंगलवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल पेश होने के दौरान लोकसभा में मौजूद नहीं थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा ने इसके लिए 3 लाइन का व्हिप जारी करके पार्टी के सभी सांसदों को बिल पेश होने के दौरान लोकसभा में मौजूद रहने के निर्देश दिए थे। इसकी अवहेलना करने पर सांसदों को नोटिस भेजकर कारण पूछा जाएगा। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इन सभी सांसदों ने पार्टी को अपनी अनुपस्थिति के बारे में पहले से सूचित किया था या नहीं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीआर पाटिल, शांतनु ठाकुर, जगदंबिका पाल, बीवाई राघवेंद्र, विजय बघेल, उदयराजे भोंसले, जगन्नाथ सरकार, जयंत कुमार रॉय, वी सोमन्ना, चिंतामणि महाराज समेत कुल 20 सांसद सदन में मौजूद नहीं थे।