Raksha Bandhan 2025: हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन यानी राखी का त्योहार बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों को जीवन भर रक्षा का वचन देते हैं। साथ ही इस पर्व पर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी-नारायण की पूजा का विशेष महत्व है।
रक्षा बंधन 2025 में विशेष संयोग: 95 वर्षों बाद बन रहा ऐतिहासिक योग
इस बार रक्षा बंधन 2025 में एक अद्भुत संयोग बन रहा है जो साल 1930 के बाद पहली बार देखने को मिलेगा। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, तिथि, नक्षत्र और योग का यह मेल उस वर्ष के समान ही है। 95 साल बाद ऐसा अवसर आ रहा है जब पूर्णिमा, श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग और राखी बांधने का समय लगभग हूबहू उस ऐतिहासिक दिन जैसा होगा। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि ऐसे संयोग में लक्ष्मी नारायण की पूजा और राखी बांधने से दोगुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
कब है रक्षा बंधन 2025? जानिए तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा तिथि 08 अगस्त 2025 को दोपहर 02:12 बजे से शुरू होकर 09 अगस्त दोपहर 01:24 बजे तक रहेगी। हालांकि, 08 अगस्त को भद्रा काल भी रहेगा, जो कि शुभ कार्यों में बाधक माना जाता है। यह भद्रा 08 अगस्त को दोपहर 02:12 से शुरू होकर 09 अगस्त रात 01:52 तक चलेगा। इसलिए इस बार रक्षा बंधन का त्योहार 09 अगस्त को मनाया जाएगा, जब भद्रा समाप्त हो जाएगी और शुभ समय उपलब्ध रहेगा।
राखी बांधने का उत्तम समय (09 अगस्त 2025)
09 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 05:21 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक है। इसी अवधि में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं और उन्हें मिठाई खिलाकर रक्षा का वचन प्राप्त कर सकती हैं। दोपहर 01:24 के बाद पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी और भाद्रपद मास की शुरुआत हो जाएगी, इसलिए इस समय से पहले राखी बांधना शुभ माना गया है।
शुभ योग और नक्षत्र: सजीव बनाते हैं पर्व को दिव्य
रक्षा बंधन 2025 के दिन सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण नक्षत्र, और बव व बालव करण जैसे अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं।
• सौभाग्य योग: यह योग 10 अगस्त की रात 02:15 बजे तक रहेगा।
• सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 05:47 से दोपहर 02:23 बजे तक यह शुभ योग रहेगा, जो किसी भी कार्य को सफल बनाने में सहायक होता है।
• श्रवण नक्षत्र: 09 अगस्त को दोपहर 02:23 बजे तक रहेगा, जो लक्ष्मी-नारायण की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
इन योगों में राखी बांधने से भाई-बहन के संबंधों में मजबूती आती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
1930 का ऐतिहासिक पंचांग: कैसा था तब का रक्षा बंधन
सन 1930 में 09 अगस्त को शनिवार के दिन रक्षा बंधन मनाया गया था। उस वर्ष पूर्णिमा तिथि दोपहर 02:07 बजे शुरू हुई थी और शाम 04:27 बजे तक रही। इस प्रकार तिथि, योग, नक्षत्र और करण इस बार लगभग उसी के अनुरूप हैं।
• सौभाग्य योग तब 10 अगस्त सुबह 05:21 बजे तक था।
• श्रवण नक्षत्र शाम 04:41 बजे तक रहा।
• करण: बव और बालव थे, जो 2025 में भी उपस्थित हैं।
यह ऐतिहासिक मेल इस वर्ष के रक्षा बंधन को और अधिक विशेष बना रहा है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार, ऐसा महासंयोग युगों में एक बार आता है।
रक्षा बंधन 2025 केवल भाई-बहन के प्रेम का त्योहार नहीं, बल्कि एक पौराणिक और ज्योतिषीय रूप से शक्तिशाली दिन भी है। जब इतने सारे शुभ योग एक साथ बनते हैं, तो यह दिन आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत प्रभावशाली हो जाता है। ऐसे में 09 अगस्त को लक्ष्मी नारायण जी की पूजा, दान, और राखी बांधने की परंपरा निभाकर आप शुभ फल की प्राप्ति कर सकते हैं।