प्रखर – वाणी
वाह रे अज्ञानी सपा सांसद रामजीलाल सुमन…राणा सांगा जैसे महान योद्धा को गद्दार कहने पर दुखा नहीं तेरा मन…अपनी कुर्सी के अभिमान में तू इतिहास भूल गया…तेरे कहने मात्र से क्या राजपूत सम्राट का खौफ धूल गया…मत भूलो टुच्चे बयानबाजों सांगा ने शरीर पर अस्सी घाव खाये…मगर वेदना के दो शब्द भी कभी उनकी जिव्हा पर नहीं आये…उनकी बहादुरी से थर थर कांपने वाला बाबर भी बौखलाता था…
महाराणा संग्रामसिंह ( राणा सांगा ) के विरुद्ध संग्राम करने आता नहीं घबराता था…क्षत्रिय आन बान शान के वीर योद्धा राणा सांगा ने कम समय में बड़ा काम किया…मुगल सम्राट बाबर को धूल चटाकर बयाना का किला अपने नाम किया…तुमने उन राणा सांगा को अपमानित करने वाला बेहुदा बयान का बेवजह बीज बोया…जिसने अपनी एक भुजा , एक आंख , एक टांग खोकर अनगिनत ज़ख्म पाकर भी अपना महान पराक्रम नहीं खोया…सैनिकों के भग्नावशेष राणा सांगा ने खानवा की लड़ाई में अस्सी घाव लगने के बाद भी हिम्मत नहीं खोई…
मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर की आत्मा भी अपने संस्मरणों में राणा सांगा की शक्ति का बखान करते करते रोई…जो सांगा अस्सी हजार घोड़े , सात राजा , नौ राव , एक सौ चार सरदारों व रावल तथा पांच सौ युद्ध हाथियों के साथ युद्ध में अपनी ताकत दिखा सकते थे…वो ही राणा मेवाड़ की रक्षा हेतु अपनी कुशल संगठन क्षमता से संघ युद्ध के मैदान में एक लाख राजपूतों का बल जुटा सकते थे…मुसलमानों को परास्त कर उत्तर भारत में राणा सांगा के ख़ौफ़ की सर्वदा झड़ी थी…
उन्होंने अपने अप्रतिम साहस के बल पर सौ से अधिक लड़ाइयां लड़ी थी…उन राणा सांगा जैसे महान योद्धा को तुम गद्दार कहते हो…तुम खुद किस घमण्ड की विपरीत धारा में बहते हो…तुम्हारी औकात तो राणा सांगा के पैर की धूल बराबर भी नही…एक सुई चुभ जाने पर उछल पड़ने वालों उन्होंने तो घनघोर पीड़ा सही…किसकी खातिर हमारे मुल्क और अवाम की खुशमिजाजी की खातिर…उनको ही अनाप शनाप बयान से तौलने का प्रयास कर रहे तुम खुद हो शातिर…सांगा ने अपनी संगठन ताकत से राजपूत राज्यों को संगठित किया और सभी क्षत्रिय क्षत्रपों को एक छत्र के नीचे लाये…जिन्होंने सुल्तान इब्राहिम लोदी को खातौली व बाड़ी के युद्ध में दो बार धूल चटाये…
राणा सांगा 1509 से 1528 तक उदयपुर में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे…भारत के कई क्षेत्रों से मुगलों को खदेड़ने वाले वो ही शक्तिशाली बाजा थे…उनकी शान के खिलाफ एक शब्द भी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे…जो उनके लिए कुछ गड़बड़ बोलेगा उससे डरेंगे नहीं लड़ेंगे ।