स्वतंत्र समय, अयोध्या
अयोध्या में रामलला के पुजारियों के लिए सोमवार 1 जुलाई से ड्रेस कोड ( dress code ) लागू हो गया। पुजारी मंदिर में मोबाइल भी नहीं ले जा सकेंगे। मुख्य पुजारी, 4 सहायक पुजारी और 20 ट्रेनी पुजारी एक खास परिधान में दिखेंगे। अब तक गर्भगृह में पुजारी केसरिया रंग के कपड़ों में दिखते थे। सिर पर केसरिया साफा, कुर्ता और धोती पहनते थे, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट ने इसमें बदलाव किया है। अब पुजारियों को पीतांबरी (पीली) चौबंदी के साथ धोती और सिर पर साफा बांधना होगा। रामलला के दरबार में 1 जुलाई से पुजारी स्मार्टफोन नहीं ले जा पाएंगे। संतोष तिवारी ने बताया- राम मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया है।
पूजा में एकरूपता के लिए dress code
राम मंदिर के सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने कहा- धर्मशास्त्रों के अनुसार, पुजारियों को ऐसे वस्त्र नहीं पहनने चाहिए, जिनमें पांव या सिर डालना हो। इसलिए नया ड्रेस कोड ( dress code ) लागू किया गया है। संतोष तिवारी ने ये भी बताया- पहले पुजारी सामान्य धोती-कुर्ता, कुर्ता-पायजामा पहनकर आ जाते थे। साफा (पगड़ी) और पीतांबरी (पीली) भी पहनते थे, लेकिन यह अनिवार्य नहीं था। नए ड्रेस कोड को राम मंदिर की पूजा में एकरूपता लाने के लिए लागू किया गया। इससे वरिष्ठ पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भी सहमत थे।
आज से पुजारी मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे
संतोष तिवारी ने बताया- अब पुजारी किसी भी तरह के फोन मंदिर में नहीं ले जा सकेंगे। राम मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया है। दरअसल, हाल के दिनों में राम मंदिर परिसर के अंदर से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं, जिसको लेकर काफी हो-हल्ला मचा था। उनमें से एक पानी टपकने की तस्वीर भी शामिल थी। हालांकि बाद में इस पर मंदिर ट्रस्ट की सफाई भी आई, जिसमें बताया गया था कि जिस जगह पर रामलला विराजमान हैं। वहां पर एक बूंद भी पानी नहीं गिरा।
पुजारियों की सभी टीमें 5-5 घंटे देगी सेवा
राम मंदिर ट्रस्ट सहायक पुजारियों को हर महीने 32 हजार रुपए तनख्वाह देता है। अभी मंदिर में एक मुख्य पुजारी के साथ 4 सहायक पुजारी हैं। हर सहायक पुजारी के साथ 5 ट्रेनी पुजारी सेवा करेंगे। इनकी सेवा सुबह 3.30 बजे से रात 11 बजे तक होगी। इनमें से पुजारियों की हर टीम को 5 घंटे की सेवा देनी होगी। यह नियम भी 1 जुलाई से लागू कर दिया गया है।
हर पहर की आरती में अलग पुजारी होंगे
रामलला की भोग आरती दोपहर 12 बजे होगी। संध्या आरती शाम 7.30 बजे और भोग आरती 8 बजे होगी। रामलला की शयन आरती रात 10 बजे होगी, जिसके बाद गर्भगृह के पट बंद कर दिए जाएंगे। अलग-अलग पहर की आरती में अलग-अलग पुजारी होंगे। ट्रेनी पुजारियों का 30 जून को दीक्षांत समारोह होना था, अब जुलाई के पहले हफ्ते में होगा। इसके बाद ट्रेनी पुजारी भी सहायक पुजारी की तरह अपनी सेवाएं देंगे।