Indore News : इंदौर में रणजीत अष्टमी के पावन अवसर पर रणजीत हनुमान मंदिर से बाबा रणजीत की ऐतिहासिक प्रभातफेरी निकाली गई। कड़ाके की ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी।
महज 5.2 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था। स्वर्ण रथ पर विराजित बाबा के दर्शन पाने के लिए करीब चार से पांच लाख श्रद्धालु सड़कों पर उमड़ पड़े।
भीड़ का आलम यह था कि महज 4.5 किलोमीटर का सफर तय करने में यात्रा को 7 घंटे से अधिक का समय लग गया। यह प्रभातफेरी सुबह 5 बजे मंदिर प्रांगण से शुरू हुई थी, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए दोपहर करीब 12 बजे वापस मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई।
तीन भव्य झांकियां और 71 भजन मंडलियां
मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित दीपेश व्यास ने बताया कि इस बार की यात्रा में विशेष रूप से तीन झांकियां सजाई गई थीं। पहली झांकी में राम दरबार भक्तों को आशीर्वाद देते हुए नजर आया। दूसरी झांकी में माता अंजनि की गोद में बाल हनुमान (हनुमान लला) विराजमान थे, जबकि तीसरी झांकी में ‘रणजीत लोक’ का भव्य प्रेजेंटेशन दिखाया गया।
भक्तों का उत्साह बढ़ाने के लिए 71 भजन मंडलियां भी प्रभातफेरी में शामिल हुईं। इनमें से तीन मंडलियां विशेष रूप से महाकाल से आई थीं। पूरा वातावरण भजनों और जयकारों से गूंजता रहा।
सवा लाख रक्षा सूत्रों का वितरण
इस धार्मिक आयोजन का एक मुख्य आकर्षण रक्षा सूत्रों का वितरण है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, यात्रा के समापन के बाद सवा लाख रक्षा सूत्र बांटने का संकल्प लिया गया है। इसमें से कुछ रक्षा सूत्र आज ही वितरित किए गए, जबकि शेष आने वाले दिनों में भक्तों को प्रसादी स्वरूप दिए जाएंगे।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था: ड्रोन और 600 पुलिसकर्मी तैनात
लाखों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पूरे यात्रा मार्ग पर सुबह 3 बजे से ही 600 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए थे। भीड़ पर नजर रखने के लिए 70 सीसीटीवी कैमरे और 4 ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया।
पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद रहे और स्थिति का जायजा लेते रहे। सुरक्षा की दृष्टि से 15 वॉच टावर बनाए गए थे, जहां से पुलिसकर्मी भीड़ की निगरानी कर रहे थे।
आपातकालीन सेवाएं रही मुस्तैद
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार था। नरेंद्र तिवारी मार्ग, महू नाका चौराहा और दशहरा मैदान पर तीन एम्बुलेंस तैनात की गई थीं। इसके अलावा, आगजनी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी स्टैंडबाय पर थीं।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा का भी ध्यान रखा। मार्ग पर बनाए गए सभी स्वागत मंच बाईं ओर (लेफ्ट साइड) लगाए गए थे, ताकि लोगों की आवाजाही में कोई बाधा न आए।
यात्रा का क्रम और मार्ग
प्रभातफेरी का मार्ग द्रविड़ नगर, महू नाका, दशहरा मैदान और अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए वापस रणजीत हनुमान मंदिर तक था। यात्रा के क्रम में सबसे आगे पुलिस बल चल रहा था। इसके पीछे प्रचार वाहन, बैनर, बैंड, ध्वज वाहक, झांकियां, महाकाल मंडलियां, महिला मंडल और एलईडी झांकियां शामिल थीं।
अंत में बाबा रणजीत का स्वर्ण रथ चल रहा था, जिसके दर्शन के लिए भक्त लालायित थे। रथ के पीछे सफाई टीम और एम्बुलेंस भी चल रही थी, ताकि स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं का भी ध्यान रखा जा सके।