स्वतंत्र समय, भोपाल
रेप केस के आरोपी भोपाल के डिप्टी कलेक्टर ( Deputy Collector ) राजेश सोरते ने 30 नवंबर तक छुट्टी का आवेदन दिया है। इसके बाद वे ऑफिस आएंगे या नहीं? इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने आगे छुट्टी का आवेदन भी नहीं दिया है। दूसरी तरफ उनका चैंबर रोज खुलता है, पर कुर्सी खाली ही रहती है।
Deputy Collector राजेश सोरते पर 14 नवंबर को दर्ज हो चुका केस
डिप्टी कलेक्टर ( Deputy Collector ) सोरते के विरुद्ध राजगढ़ जिले के पचोर थाने में 14 नवंबर को रेप के आरोप में केस दर्ज हो चुका है। एक महिला ने 25 अक्टूबर को सोरते के विरुद्ध शिकायत की थी। पुलिस ने मामला जांच में लिया था। 19 दिन बाद भी केस दर्ज नहीं होने पर 14 नवंबर को पीडि़त ने पोर्टल पर ई-एफआईआर दर्ज कराई थी। केस दर्ज होने से पहले से ही सोरते ऑफिस नहीं आ रहे हैं। न ही किसी का मोबाइल रिसीव कर रहे हैं। इसी बीच उनका छुट्टी का आवेदन आ चुका है। जॉइंट कलेक्टर इकबाल मोहम्मद ने बताया-डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते का छुट्टी का आवेदन 30 नवंबर तक है। आगे की छुट्टी के लिए फिलहाल कोई आवेदन नहीं आया है।
चैंबर खाली, दूसरे को सौंपा काम
भोपाल कलेक्ट्रेट में डिप्टी कलेक्टर सोरते का चैंबर रोज खुल रहा है, लेकिन कुर्सी खाली ही है। इधर, उनके प्रभार अन्य अधिकारियों को सौंपे गए हैं। ताकि, काम प्रभावित न हो। जनसुनवाई सहित अन्य कार्य सोरते के जिम्मे ही थे। इस मामले में सारंगपुर एसडीओपी अरविंद सिंह ने बताया, डिप्टी कलेक्टर सोरते की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एक टीम रवाना की गई है।
निलंबन के लिए दिग्विजय लिख चुके पत्र
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस मामले में दो पत्र जारी कर गिरफ्तारी और निलंबन की मांग भी कर चुके हैं। उन्होंने एक पत्र अपर मुख्य सचिव जीएडी और दूसरा पत्र राजगढ़ एसपी को लिखा है। इसमें उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पर सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उलंघन करने को लेकर विभागीय जांच कराते हुए निलंबन की मांग की थी। वहीं, सिंह ने दूसरा पत्र राजगढ़ पुलिस अधीक्षक के नाम लिखा है। इसमें पीडि़ता के बयान के अनुसार धाराएं नहीं लगाए जाने की शिकायत करते हुए नियमानुसार धाराएं बढ़ाने की मांग की थी।