स्वतंत्र समय, ग्वालियर
ग्वालियर में अब ऑनलाइन ठगी करने वालों ने रैपिडो ( Rapido ) चालक को भी अपने जाल में फंसा लिया है। कंपनी के मोबाइल एप पर बुकिंग कर एक हॉस्पिटल के पास बुलाया। रैपिडो कैप्टन ने वहां पहुंचकर कॉल किया तो बुकिंग करने वाले ने कहा कि हॉस्पिटल के मेडिकल पर दो हजार रुपए का अर्जेंट ऑनलाइन पेमेंट करना है। रैपिडो कैप्टन से कहा कि आप के पास हों तो कर दीजिए। मेरे पास कैश है और मैं बाहर आकर आपको दे रहा हूं। रैपिडो वाले के पास दो हजार रुपए कैश थे। उसने बाहर एक युवक को वो देखकर बुकिंग करने वाले के नंबर पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा दिए। इसके बाद न बुकिंग करने वाला बाहर आया न ही रुपए वापस मिले। आरोपी ने मोबाइल नंबर भी बंद कर लिया।
Rapido बाइक टैक्सी चलाकर जेब खर्च निकालता था
शहर के गोला का मंदिर निवासी अभि कुमार को कुछ दिन पहले उसके एक दोस्त ने रैपिडो (Rapido) बाइक टैक्सी का काम बताया था और उसका रजिस्ट्रेशन कराकर उसे एप से जुड़वाकर उसे भी रैपिडो कैप्टन बनवा दिया था। अभिकुमार अभी छात्र है तो उसका जेब खर्च निकल आता है। कुछ दिन पहले उसके पास बाइक टैक्सी की बुकिंग आई। बुकिंग में उसे कंपू स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल से सवारी को लेकर स्टेशन तक छोडऩा था। जिस पर रैपिडो कैप्टन ने हॉस्पिटल के बाहर पहुंचकर बुकिंग करने वाले को कॉल किया। बुकिंग करते समय युवक ने यह बताया था कि उसकी मैडम को कहीं ड्रॉप करना है। जब बुकिंग करने वाले को कॉल किया गया तो उसका कहना था कि वह हॉस्पिटल में अंदर है एक मेडिकल का बिल का भुगतान उसे करना है। वह पांच मिनट में बाहर आता है।
ऑनलाइन पेमेंट करवा लिए दो हजार रुपए
रैपिडो (Rapido) कैप्टन बाहर इंतजार करता रहा, लेकिन पांच मिनट बाद बुकिंग करने वाले नहीं आए। तभी उसने फिर कॉल किया तो बुकिंग करने वाले ने कहा कि सर मेरा एक पेमेंट नहीं हो पा रहा है। हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर वाले को 2 हजार रुपए का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना है, जबकि मेरे पास कैश है। यदि आपके पास हो तो कर दीजिए मैं आपको बाहर आकर नकद दे देता हूं। इस पर पहले तो रैपिडो कैप्टन ने मना कर दिया, लेकिन इसके बाद उसे लगा कि चलो कर देते हैं। पर उसके पास भी कैश ही था। बाहर एक अन्य युवक से रैपिडो कैप्टन ने कैश देकर क्लाइंट के नंबर पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर दिए। इसके बाद क्लाइंट को सूचना दे दी।
नहीं आया क्लाइंट, ठगी का हुआ अहसास
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होने के बाद बुकिंग करने वाले क्लाइंट ने कहा कि वह अब पांच मिनट में आ रहा है, लेकिन उसके बाद 30 मिनट तक वह नहीं आया। जब रैपिडो कैप्टन ने उसे कॉल किया तो मोबाइल बंद आ रहा था। अंदर हॉस्पिटल में जाकर मेडिकल स्टोर पर पूछा कि इस तरह से किसी का पेमेंट का मामला था तो वहां भी जवाब न ही मिला। इसके बाद रैपिडो कैप्टन को अहसास हो गया कि वह ठग लिया गया है। इसके बाद उसने मामले की शिकायत की है।