रतलाम कांग्रेस में बगावत, ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति से नाराज पूर्व विधायक हर्षविजय गहलोत का जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा

मध्यप्रदेश के रतलाम में कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी और असंतोष एक बार फिर सतह पर आ गया है। ब्लॉक अध्यक्षों की ताजा नियुक्तियों से नाराज होकर पूर्व विधायक हर्षविजय गहलोत ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। यह घटनाक्रम लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

गहलोत ने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने संगठन में अपनी अनदेखी और मनमानी नियुक्तियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह इस्तीफा ऐसे समय आया है जब पार्टी को एकजुट होकर काम करने की सबसे ज्यादा जरूरत थी।

ब्लॉक अध्यक्षों की सूची बनी विवाद की वजह

जानकारी के अनुसार, हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा रतलाम जिले के लिए ब्लॉक अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी। बताया जा रहा है कि इस सूची को तैयार करते समय जिला अध्यक्ष होने के बावजूद हर्षविजय गहलोत की राय को नजरअंदाज किया गया। अपनी ही टीम के चयन में महत्व न मिलने से वे बेहद आहत थे।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नियुक्तियों में स्थानीय समीकरणों और जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। गहलोत का मानना है कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है, उनका चयन मेरिट के आधार पर नहीं हुआ है, जिससे संगठन कमजोर होगा।

सोशल मीडिया पर भी दिखा असर

इस्तीफे की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर समर्थकों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गहलोत के समर्थन में पोस्ट करते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। गहलोत का इस्तीफा न केवल एक पद छोड़ने की घटना है, बल्कि यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है।

पुराने विवादों की परछाई

रतलाम कांग्रेस में यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी टिकट वितरण और संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर स्थानीय नेताओं के बीच खींचतान की खबरें आती रही हैं। हर्षविजय गहलोत, जो कि क्षेत्र के एक कद्दावर नेता माने जाते हैं, का इस तरह से पद छोड़ना पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों के दौरान भी रतलाम जिले में कांग्रेस को भितरघात का सामना करना पड़ा था। अब लोकसभा चुनाव से पहले संगठन में मची यह भगदड़ पार्टी हाईकमान के लिए चिंता का विषय बन गई है। फिलहाल, प्रदेश नेतृत्व की ओर से इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि डैमेज कंट्रोल की कोशिशें जल्द शुरू हो सकती हैं।