रतलाम पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने 14 साल पहले लापता हुई एक लड़की को इंदौर से बरामद कर लिया है। यह कार्रवाई पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत की गई है। औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने इस मामले में अपहरण के आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी लंबे समय तक पीड़िता को लेकर गुजरात के राजकोट में छिपा रहा। बाद में वह इंदौर के मूसाखेड़ी इलाके में आकर रहने लगा था। पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
2011 में दर्ज हुई थी गुमशुदगी
औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी सत्येंद्र रघुवंशी ने बताया कि साल 2011 में एक 16 वर्षीय नाबालिग की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उस वक्त पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी हमेशा की तरह घर से ट्यूशन जाने का कहकर निकली थी, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटी।
परिजन पिछले 14 सालों से अपनी बेटी की तलाश कर रहे थे। पुलिस ने भी कई बार सुराग लगाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। अब इतने सालों बाद बेटी के मिलने से परिवार ने राहत की सांस ली है।
एसपी के अभियान से मिला सुराग
रतलाम एसपी अमित कुमार ने गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत पुलिस ने पुराने पेंडिंग मामलों की फाइलों को दोबारा खोला। पुलिस टीम ने परिजनों और रिश्तेदारों से नए सिरे से पूछताछ की और जानकारी जुटाई।
इसी दौरान पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा कि आरोपी ने पीड़िता को इंदौर के मूसाखेड़ी इलाके में रखा हुआ है। सूचना की पुष्टि होते ही पुलिस की एक टीम तुरंत इंदौर रवाना हुई। वहां दबिश देकर आरोपी के चंगुल से बालिका को मुक्त कराया गया।
गुजरात में भी छिपा रहा आरोपी
पुलिस ने आरोपी की पहचान विमल (30 वर्ष) पुत्र प्रदीप कुमार पसाया के रूप में की है। वह मूल रूप से रतलाम के गांधीनगर का रहने वाला है। गिरफ्तारी के वक्त वह इंदौर के मयूर नगर, मूसाखेड़ी में रह रहा था।
पूछताछ में यह बात सामने आई है कि रतलाम से अपहरण करने के बाद आरोपी पहले पीड़िता को लेकर गुजरात भाग गया था। वह काफी समय तक राजकोट में रहा, ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सके। बाद में वह ठिकाना बदलकर इंदौर आ गया था। पुलिस अब आरोपी के खिलाफ आगे की वैधानिक कार्रवाई कर रही है।