आज से 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरूआत हो चुकी है। गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर बप्पा के दर्शन करने के लिए मध्यप्रदेश के लगभग सभी गणेश मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। पहले दिन ही भक्तों में एक खास उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में रतलाम के सबसे प्रसिद्ध श्री उकाला गणेश मंदिर में गणेशोत्सव की खास तैयारियां देखी जा रही है।
आज उकाला गणेशजी का बड़ा मनोहारी और आकर्षक श्रृंगार किया गया है। रतलाम शहर के इस प्राचीन मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की काफी खास भीड़ देखी जा रही है। मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित भगवान गणेश की सवा 11 फीट ऊंची खड़ी प्रतिमा पर चांदी के वर्क से विशेष श्रृंगार किया गया है। खास बात ये है कि गणेश उत्सव के दौरान हर तीन दिन में बप्पा का चोला बदला जाएगा और प्रतिदिन अलग-अलग दिन श्रृंगार किया जाएगा। आज शामको महाआरती का आयोजन होगा।
आज बुधवार दोपहर 12 बजे गणेशजी के जन्मनोत्सव की आरती की गई और सवा क्विटंल लड्डूओं का भोग लगाया गया। मंदिर परिसर में श्रीराम दरबार, भगवान भोलेनाथ और हनुमानजी की प्रतिमाएं भी विराजमान है। मंदिर की मान्यता है कि यहां भक्तो की मनोकामनाएं पूरी होती है।
इस मंदिर में गणेश जी के साथ उनकी पत्नी देवी रिद्धी सिद्धी की प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है। ये मंदिर अति प्राचीन माना जाता है। मान्यता है कि मंदिर की स्थापना के समय भगवान गणेश जी की प्रतिमा के सामने मंदिर में परिसर में कुंड खोदे गए थे, जिनमें उबलता हुआ पानी निकलता था। इसी वजह से इस मंदिर का नाम उकाला गणेश मंदिर पड़ गया।
खास बात ये है कि ये मंदिर एपमी का एक मात्र मंदिर है जहां गणेशजी तपस्वी और ब्रह्मचारी के रूप में विराजमान है। इस मंदिर में भगवान गणेशजी की पूजा ब्रह्मचारी के रूप में की जाती है। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त भगवान गणेश जी से दर्शन और मनोकामनाए करने आते है। विवाह और संतान प्राप्ति के लिए भक्त यहां मनोकामना करते है। मनोकामना पूरी होने पर भगवान गणेशजी को चोला चढ़ाया जाता है। जिसके लिए लंबी वेटिंग लगती है। चोला चढ़ाने की बुकिंग कराने पर श्रद्धालुओ को 1 साल की वेटिंग मिलती है। रतलाम के उकाला गणेशजी के दर्शन के लिए ना केवल रतलाम बल्कि प्रदेश के कई शहरों से भक्त आते है।