Ravindra Jadeja: रवींद्र जडेजा को लंबे समय तक एक शानदार गेंदबाज़, बेहतरीन फील्डर और टीम के संकटमोचक ऑलराउंडर के रूप में पहचाना गया। उनकी बल्लेबाज़ी अक्सर उनकी गेंदबाज़ी की चमक के पीछे छिप जाती थी। लेकिन इंग्लैंड में हाल ही में खेली गई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान जडेजा ने खुद को एक भरोसेमंद और परिपक्व टेस्ट बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित किया है।
Ravindra Jadeja की मैनचेस्टर की पारी: आत्मविश्वास और अनुशासन की मिसाल
मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में जडेजा ने नाबाद 107 रनों की पारी खेली, जिसने भारत को हार से बचाया और मैच को ड्रॉ की ओर ले गया। यह शतक महज आंकड़ों की बात नहीं थी, यह एक बयान था — कि जडेजा अब केवल एक ऑलराउंडर नहीं, बल्कि एक संपूर्ण टेस्ट बल्लेबाज़ हैं।
यह पारी आक्रामकता की नहीं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और मानसिक दृढ़ता की थी। तेज़ रनों की चर्चा और “बाज़बॉल” के शोर के बीच जडेजा ने दिखाया कि पारंपरिक तकनीक, सटीक निर्णय और शांत आत्मविश्वास आज भी टेस्ट क्रिकेट में सफल हो सकते हैं।
Ravindra Jadeja के आंकड़े जो खुद बोलते हैं
जडेजा ने इस सीरीज़ की आठ पारियों में चार अर्धशतक और एक शतक लगाया। 113.50 के औसत से बनाए गए 454 रन उन्हें सीरीज़ में चौथे सबसे सफल बल्लेबाज़ बनाते हैं — जो रूट और किसी भी इंग्लिश बल्लेबाज़ से भी अधिक। उन्होंने न केवल रन बनाए, बल्कि हर पारी में परिस्थिति के अनुसार खेल दिखाया।
उनका यह प्रदर्शन बिना किसी दिखावे के रहा। न तो मैदान पर अति उत्साह, न ही सोशल मीडिया पर आत्मप्रशंसा — जडेजा ने सिर्फ बल्ले से बात की, और वो बातें बहुत गहराई से सुनी गईं।
36 साल की उम्र में, जब रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर अश्विन जैसे साथी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, जडेजा ने रुकने के बजाय चुनौती को स्वीकार किया। घायल घुटनों और पहले से सजे-धजे करियर के बावजूद उन्होंने साबित किया कि उम्र केवल एक संख्या है, जज़्बा और मानसिकता ही असली ताकत होती है।
हर पारी में उन्होंने संयम के साथ बल्लेबाज़ी की। फालतू ड्राइव नहीं खेले, बड़े शॉट्स केवल तब लगाए जब गेंद उनके ज़ोन में आई। गेंदबाज़ी के लिए मशहूर खिलाड़ी ने बल्लेबाज़ी में भी वही नियंत्रण और रणनीति दिखाई।
Ravindra Jadeja ने की महान गैरी सोबर्स की बराबरी
जडेजा अब इंग्लैंड में नंबर 6 या उससे नीचे बल्लेबाज़ी करते हुए 1,041 रन बना चुके हैं। यह आंकड़ा उन्हें टेस्ट इतिहास के महान बल्लेबाज़ गैरी सोबर्स के बाद दूसरे स्थान पर रखता है, जिन्होंने इंग्लैंड में इसी क्रम पर 1,097 रन बनाए थे। इतना ही नहीं, इस क्रम पर उन्होंने 50 या उससे अधिक रन बनाने की 9 पारियां खेली हैं — यह रिकॉर्ड भी सोबर्स के साथ साझा है।