केंद्र सरकार ने उन वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है, जिनके पास FASTag नहीं है या FASTag खराब हो गया है, और वे नेशनल हाईवे पर यात्रा करते हैं। पहले ऐसे वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर कैश में दोगुना टोल देना पड़ता था, लेकिन अब नया नियम लागू होने के बाद अगर वे UPI के जरिए भुगतान करेंगे तो केवल 1.25 गुना टोल देना होगा।
सरकार का निर्णय और उद्देश्य
केंद्र सरकार ने National Highways Fee (Determination of Rates and Collection) Rules, 2008 में संशोधन किया है। सरकार का कहना है कि इस कदम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और हाईवे पर कैश ट्रांजैक्शन कम होंगे। सरकार के बयान के अनुसार, डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करने और कैश आधारित लेन-देन को समाप्त करने के उद्देश्य से यह नियम लागू किया गया है।
भुगतान में कैसे मिलेगा फायदा
नए नियम के तहत टोल भुगतान का तरीका इस प्रकार है:
- FASTag से 100 रुपए
- कैश में 200 रुपए
- UPI से 125 रुपए
इसका मतलब यह है कि बिना FASTag या खराब FASTag वाले वाहन चालक UPI से भुगतान करके लगभग 75 रुपए की बचत कर सकते हैं। इससे लंबी टोल कतारें कम होंगी और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा।
टोल सिस्टम में पारदर्शिता और सुविधा
सरकार का कहना है कि यह बदलाव टोल संग्रह प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और तेज़ बनाएगा। नकद भुगतान में लगने वाला समय बचेगा और वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर लंबी कतारों से राहत मिलेगी। नए नियम से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि सरकार को भी टोल संग्रह में बेहतर रिकॉर्डिंग और नियंत्रण मिलेगा।
नियम 15 नवंबर से लागू
यह नया नियम 15 नवंबर 2025 से पूरे देश के नेशनल हाईवे टोल प्लाज़ा पर लागू होगा। सरकार का लक्ष्य है कि धीरे-धीरे सभी टोल लेन कैशलेस और पूरी तरह डिजिटल हो जाएं, जिससे देशभर में हाईवे यात्रा आसान, तेज और सुरक्षित बन सके।