प्रदेश में रिलाइफ और रेसफिकेश टीआर कफ सिरप भी बैन, जनता की जागरुकता के लिए नहीं किया व्यापक प्रचार-प्रसार

मध्य प्रदेश ड्रग कंट्रोलर ने कोल्ड्रिफ और नेस्ट्रो डीएस सस्पेंशन सिरप पर बैन लगाने के साथ ही 13 दवाओं की जांच में दो और सिरप रिलाइफ और रेसफिकेश टीआर को खराब पाया है। इसके बाद ड्रग कंट्रोलर ने ये प्रदेश में कुल तीन कफ  सिरप को बैन कर दिया है। लेकिन इसकों लेकर कोई जागरूकता आम जनता में नहीं फैलाई गई है। जिसके चलते जिन दुकानों तक ड्रग इस्पेक्टर जांच करने नहीं पहुंच पाएंगी उन दुकानों पर यह कफ सिरप धड़ल्ले से बेचे जाएंगे। वयस्कों के लिए थे। सरकार ने पूरे राज्य में इनकी खरीदी और बिक्री पर रोक लगा दी है। औषधि विभाग ने रेसफिकेश टीआर सिरप की 134 बोतलें जब्त की हैं।

13 दवाओं की जांच में दो अमानक कफ सिरप
बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ व नेस्ट्रो डीएस सस्पेंशन सिरप पर बैन लगाने के साथ ही मध्य प्रदेश ड्रग कंट्रोलर ने 13 दवाओं की सैम्पल जांच में दो अन्य सिरप रिलाइफ तथा रेसफिकेश टीआर सिरप अवमानक पाया है। वयस्कों के उपयोग में होने वाले दोनों सिरप रिलाइफ व रेसफिकेश टीआर खरीदी-ब्रिकी पर पूरे राज्य में सरकार ने रोक लगा दी है।

जिले के औषधि विभाग की टीम को निरीक्षण के दौरान एक थोक विक्रेता गुरूकृपा मेडिकल एजेंसी के पास रेसफिकेश टीआर सिरप की 134 शीशियों का स्टाक मिला है, जिसे औषधि निरीक्षक मनीषा अहिरवार ने जब्त कर सैम्पल लेकर वापस निर्माण कंपनी को भेजा जा रहा है। इसी कंपनी के अलग-अलग बैच की लगभग 210 सिरप की शीशियों को फुटकर दवा विक्रेताओं को बीते दो-तीन माह में बेचा गया है,यह दवाइंया पुरे प्रदेश में बैन की गई है लेकिन इसकी जागरूकता फैलाने के लिए सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर और स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाएं है।

ये दवाइंया है अमानक
ड्रग इंस्पेक्टर मनीषा अहिरवार ने बताया कि छिंदवाड़ा में सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के बाद लगभग कई दवाइंयों की जांच के लिए 13 नमूनों की जांच प्रयोगशाला में सरकार ने कराई है।
इसमें वयस्कों में उपयोग दो कफ सिरप एम्बाक्सोल एचसीएल, गुआइफेनेमिन, टयूटालिन, मथाल सिरप (रिलाइफ) व ब्रोमहेक्नीन हाइड्रोक्लोराइड, टन्यूटालिन, मुआइफेलेसिन व मेंमाल सिरप (रेसफिकेश टीआर) का सैम्पल जांच में अवमानक पाया गया जिसके बाद बैन कर दिए गए है।

एफडीसी उत्पाद के उपयोग पर प्रतिबंध
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए क्लोफेनियमाइन मेलीएट 2 मिलीग्राम फिलाइनपकिन हाइड्रोक्लोराइड 5 मिलीग्राम फार्मूला वाले सभी उत्पादों पर एफडीसी का उपयोग न करने की चेतावनी लिखने के निर्देश दिए हैं। इस उत्पादों पर चेतावनी की लेवलिंग है या नहीं इसकी जांच भी दवा दुकानों के निरीक्षण में सयुक्त दल कर रहा है।

इसी जांच अभियान में इंदौर का एक हर्ष क्लिनिक सील किया गया। कलेक्टर ने शिवम वर्मा के निर्देशों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। साथ ही अवैध रूप से संचालित अस्पतालों और बगैर डिग्री के इलाज करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।