रेखा गुप्ता के बंगले का नवीनीकरण टेंडर रद्द, पीडब्ल्यूडी ने बताई वजह

रेखा गुप्ता : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बंगले के रेनोवेशन के लिए जारी किया गया 60 लाख रुपये का टेंडर रद्द कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी ने इस फैसले के पीछे प्रशासनिक कारण बताए हैं। टेंडर जारी होने के बाद से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। आप पार्टी ने सीएम के बंगले को ‘माया महल’ तक कह दिया था। विपक्ष का आरोप था कि जनता की परेशानियों के बीच सरकार अपना बंगला चमकाने में लगी है। अब टेंडर रद्द होने पर विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

बंगला नंबर-1 कभी था उपराज्यपाल का दफ्तर

बंगला नंबर-1 पहले दिल्ली के उपराज्यपाल का दफ्तर था, इसलिए इसे ऑफिस के हिसाब से बदला गया था। कमरों को कई हिस्सों में बांटकर कर्मचारियों के लिए केबिन बनाए गए थे। जब रेखा गुप्ता ने जून में इसे सरकारी आवास के रूप में चुना, तो उम्मीद थी कि इसका रेनोवेशन किया जाएगा। अभी तक वे शालीमार बाग स्थित अपने निजी घर में रह रही हैं। पहले 60 लाख रुपये का टेंडर सिर्फ इलेक्ट्रिकल और इंटीरियर फिटिंग के लिए निकाला गया था। उन्हें टाइप-7 बंगला मिला है, जिसमें कई सुविधाएं और कमरे हैं, जैसे ड्रॉइंग रूम, लॉन और विजिटर हॉल।

बंगले के लिए पहले टेंडर में प्रस्तावित थे ये बदलाव

पहले टेंडर के अनुसार, बंगले के रेनोवेशन का पहला चरण शुरू होना था। इसमें 14 दो टन के एसी लगने थे, जिन पर 7.7 लाख रुपये खर्च होने थे। इसके साथ ही 5 स्मार्ट टीवी लगाने के लिए 9.3 लाख रुपये का अनुमान था। लाइट्स पर 6.03 लाख रुपये, और 14 सीसीटीवी कैमरों पर 5.73 लाख रुपये खर्च तय किया गया था। छत पर 23 प्रीमियम सीलिंग फैन और 16 दीवार वाले फैन लगने थे। इसके अलावा बिजली आपूर्ति में रुकावट न हो, इसके लिए 2 लाख रुपये की लागत से यूपीएस सिस्टम भी लगाने की योजना थी।