भारतीय रिजर्व बैंक को शनिवार सुबह 10 बजे धमकी भरा कॉल प्राप्त हुआ। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को लश्कर-ए-तैयबा का सीईओ बताया और कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क किया। उसने रिजर्व बैंक के सुरक्षा गार्ड को धमकी देते हुए कहा कि “पीछे का रास्ता बंद कर दो, इलेक्ट्रिक कार खराब हो गई है।” पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है, हालांकि पुलिस का कहना है कि यह किसी की शरारत भी हो सकती है। मामले की जांच जारी है।
गुरुवार, 15 नवंबर को मुंबई के जेएसए लॉ फर्म और बेलार्ड पेयर के जेएसए ऑफिस, कमला मिल लोअर पर्ल को बम से उड़ाने की धमकी भरा एक ईमेल प्राप्त हुआ था। यह मेल फर्म की ऑफिशियल आईडी पर आया था, जिसमें भेजने वाले शख्स ने खुद का नाम फरजान अहमद बताया। उसने मेल में यह दावा किया कि फर्म के कार्यालय और बेलार्ड एस्टेट ऑफिस में बम रखा गया है। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत ही जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी और पूरी जानकारी की जांच की, लेकिन इस धमकी के बाद भी स्थिति नियंत्रण में रही।
बीते गुरुवार, 14 नवंबर को मुंबई एयरपोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। एक अज्ञात शख्स ने सीआईएसएफ (Central Industrial Security Force) को फोन कर यह धमकी दी थी। इसके बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा को और कड़ा किया गया और सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत जांच शुरू की। हालांकि, बाद में इस धमकी को शरारत माना गया और स्थिति पर काबू पा लिया गया। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने घटनाओं की गंभीरता से जांच करते हुए संदिग्ध कॉलर की पहचान करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
इसके बाद एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों सहित अन्य लोग खौफजदा हो गए थे। धमकी देने वाले शख्स ने सीआईएसएफ कर्मचारी को फोन कर कहा था कि एयरपोर्ट पर बम रखा हुआ है। जांच में सामने आया था कि मोहम्मद नाम का व्यक्ति विस्फोटक सामग्री लेकर मुंबई से अजरबैजान जाने की योजना बना रहा था।
27 अक्टूबर को मुंबई एयरपोर्ट पर भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, जिसमें कहा गया था कि अगर विमान उड़ा, तो कोई भी यात्री जिंदा नहीं बचेगा। हालांकि, जांच के बाद यह धमकी भी झूठी साबित हुई। पिछले एक साल में देश भर में विभिन्न स्थानों जैसे स्कूल, होटल, एयरपोर्ट, मार्केट, ट्रेन, और बसों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। लेकिन अधिकांश धमकियां झूठी और शरारती पाई गई हैं। इन धमकियों से सुरक्षा एजेंसियों और अधिकारियों में सतर्कता बनी रहती है, और जांच के दौरान शरारती तत्वों की पहचान कर कार्रवाई की जाती है।