खुलासाः 5 फर्मों ने 12 Municipal Corporation में किया 1800 करोड़ रुपए का घोटाला

स्वतंत्र समय, इंदौर

मध्यप्रदेश में कुल 16 नगर निगम ( Municipal Corporation ) में से 12 नगर निगम ( Municipal Corporation ) में 150 करोड़ का घोटाला करने वाली पांच फर्मों ने 2020 से 2024 तक लगभग 18 सौ करोड़ से ज्यादा का फर्जी बिल कांड करके जनता का पैसा लूट लिया हैं। मोहन सरकार सारे मामले को दबाने में लगी हुई हैं। यह गंभीर आरोप मप्र कांग्रेस कमेटी महासचिव राकेश सिंह यादव ने लगाया है। उन्होंने बताया पांचों फर्जी बिल कांड में शामिल फर्मों ने इंदौर नगरनिगम में 150 करोड़ का घोटाला करने के साथ ही मध्यप्रदेश की 16 नगर निगमों में से 12 नगरनिगमों में 18 सौ करोड़ से ज्यादा की राशि फर्जी बिलों के जरिये अधिकारियों एंव भाजपा के एक वरिष्ठ नेता एंव आईएएस अधिकारी सहित पांचों फर्मों के माफिया सिंडिकेट ने लूटी हैं।

इन 12 Municipal Corporation में फर्जी बिलों से घोटाला

कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव ने बताया की गोपनीय सूचना के अनुसार पांचों फर्मों ने संयुक्त रूप से षड्यंत्र रचकर इंदौर नगरनिगम ( Municipal Corporation ) में 150 करोड़ से अधिक की राशि, भोपाल नगरनिगम में 270 करोड़, सागर नगरनिगम में 120 करोड़, जबलपुर नगरनिगम में 220 करोड़, खण्डवा नगरनिगम में 109 करोड़, बुरहानपुर नगर निगम में 112 करोड़, ग्वालियर नगरनिगम मे 195 करोड़, उज्जैन नगरनिगम में 145 करोड़, रतलाम नगर निगम में 114 करोड़, रीवा नगर निगम 129 करोड़, देवास नगर निगम 113 करोड़, सतना नगर निगम 124 करोड़ राशि के फर्जी बिल बनाकर पांच सालों में लूट लिए हैं। इस तरह मध्यप्रदेश में 12 नगर निगमों में 2020 से 2024 तक कुल 1801 करोड़ का घोटाला मध्यप्रदेश में किया गया हैं। कांग्रेस नेता यादव के मुताबिक इंदौर में घोटाला उजागर होने के बाद से 12 नगर निगम के अधिकारियों में घोटाला छिपाने के लिए अफरा तफरी मच गई हैं। मध्यप्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला हैं जिसमें बिना काम बिना टेंडर फर्जी बिलों के जरिये 12 नगर निगमों से 18 सौ करोड़ से ज्यादा की राशि खुलेआम हड़पी गई हैं।

मुख्यमंत्री के सामने रखीं पांच प्रमुख मांगे…

  1. मध्यप्रदेश में 18 सौ करोड़ से ज्यादा के फर्जी बिल घोटाले में सीबीआई जॉंच करायें।पुलिस बिना दस्तावेजी सबूत अपराध साबित नहीं कर पायेगीं। सीबीआई जॉंच में समस्त कडिय़ों को जोडऩे के साथ डिजिटल सबूत एकत्रित करने के बाद ही मुख्य सरगना तक सीबीआई पहुँच सकेंगी।
  2. 12 नगरनिगमों में सेंट्रल एजेंसी से 2020 से लेकर 2024 तक का ऑडिट कराया जाये।ऑडिट सीबीआई की देखरेख में किया जाये।स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी एंव विशेष निधि बजट में जमकर फर्जी बिलों से राशि लूटी गई हैं।विशेष तौर पर इन बजट की जॉंच होना चाहिए।
  3. 12 नगरनिगमों में लेखा विभाग के अधिकारियों के फोन कॉल डिटेल डाटा लैपटॉप, बैंक एकाउन्ट, ट्रांजेक्शन जप्त किये जायें।अधिकारियों एंव शामिल अन्य व्यक्तियों द्वारा डिजिटल सबूत नष्ट लगातार किये जा रहें हैं।अत: 12 नगरनिगम के लेखा विभाग के रिकॉर्ड को तत्काल सील किया जाये।
  4. मप्र सरकार श्वेत पत्र जारी करके बताये की इन पॉंचों फर्मों को किसके कहने पर 12 नगरनिगमों में फर्जी बिल कांड करने संरक्षण प्राप्त हैं। मोहन सरकार भाजपा के वरिष्ठ नेता का नाम उजागर करें।
  5. पांच फर्जी फर्मों के अलावा कितनी फर्जी फर्मों के जरिये फर्जी भुगतान बिल कांड 12 नगरनिगमों में माफिया सिंडिकेट ने किया हैं,इसकी जॉंच करायी जायें।

कांग्रेस महासचिव यादव के अनुसार इतना बड़ा घोटाला बिना राजनैतिक सहयोग के नहीं हो सकता हैं। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार इस मामले में जॉंच कराने में असक्षम सिद्ध हो रहीं हैं। नेता अधिकारियों एंव माफियाओ ने फर्जी फर्मों के जरिये मिलकर जनता का पैसा लूट लिया हैं। यादव ने सारे मामले की जॉंच सीबीआई से कराने हेतु प्रधानमंत्री को पत्र लिखा हैं।