स्वतंत्र समय, भोपाल
राज्य सरकार जोर शोर से राजस्व अभियान ( Revenue campaign ) 2 चला रही है। डेढ़ महीने के इस अभियान को चलते हुए एक माह पूरा होने वाला है। विभागीय मंत्री और अधिकारी तो इस अभियान को लेकर चुप्पी साधकर बैठे हैं, लेकिन अब प्रदेश के सरकार के दूसरे मंत्री ही इस अभियान की पोल खोलने लगे हैं। चुनावी मैदान में डटे मध्यप्रदेश सरकार के नए नवेले मंत्री ने पूरे राजस्व अभियान 2.0 को ढकोसला और खानापूर्ति का जरिया बताया है।
राज्य सरकार ने Revenue campaign 2.0 शुरू किया
पहले अभियान के मात्र पांच माह बाद ही राज्य सरकार ने राजस्व अभियान ( Revenue campaign ) 2.0 शुरू किया है। यह अभियान 18 जुलाई से 31 अगस्त तक चलना है। शासन द्वारा तय शेड्यूल में से 28 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पूरा अभियान महज औपचारिकता बना हुआ है। न तो विभाग के अधिकारियों में इसे लेकर कोई उत्साह है और न जिलों में ही कोई सक्रियता नजर आ रही है। इसके विपरीत, अभियान के दौरान ही प्रदेश भर के लोग मंत्रालय से लेकर मंत्री निवास तक अपने आवेदन लेकर चक्कर काट रहे हैं। बावजूद इसके न तो इस अभियान को लेकर न तो नियमित समीक्षा की जा रही है और न लापरवाही पर कोई कार्रवाई। बल्कि प्रदेश सरकार के मंत्री ही इस अभियान को सार्वजनिक रूप से निशाना बना रहे हैं। प्रदेश मंत्रिमंडल के नए नवेले वन मंत्री रामनिवास रावत ने तो चुनावी सभा में ही इसे पूरी तरह से फेल बता दिया। अपने विधानसभा क्षेत्र विजयपुर में एक कार्यक्रम में रावत ने कहाकि पटवारी इस अभियान को पलीता लगा रहे हैं। उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव से मांग करते हुए कहा है कि पटवारियों की मॉनिटरिंग की जाए। वन मंत्री ने कहाकि राज्य में राजस्व विभाग के मामले पेंडिंग न रहें इसके लिए उन्होंने सरकार से इसकी लगातार मॉनिटरिंग करने की अपील की है। वन मंत्री ने कहा, पटवारियों की मॉनिटरिंग करने से जमीन के विवादों में कमी आएगी और किसानों को राहत मिलेगी। हमारी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। पटवारियों की मॉनिटरिंग से किसानों को बहुत राहत मिलेगी।
यह है अभियान का टारगेट
राजस्व न्यायालयों आरसीएमएस में समय-सीमा पार प्रकरणों (नामांतरण, बटवारा, अभिलेख दुरुस्ती) का निराकरण, नये राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज करना, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सैचुरेशन, समग्र का आधार से ई-केवाईसी और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग एवं फार्मर रजिस्ट्री का निराकरण।
केवल खानापूर्ती की गई है
वन मंत्री रावत ने वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने की कार्रवाई को लेकर राजस्व अभियान की मॉनिटरिंग को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कई नामांतरण निरस्त हुए हैं। केवल खानापूर्ती की गई है। राजस्व की समस्या से काफी लोग जूझ रहे हैं।
पार्टी कार्यक्रमों की झड़ी
एक तरफ राजस्व अभियान चल रहा है। दूसरी तरफ सत्तापक्ष के कार्यक्रम भी लगातार निचले स्तर तक चल रहे हैं। इनमें जिला और तहसील तक का अमला तैनात किया जा रहा है। अभियान शुरू होते ही गुरूपूर्णिमा पर दो दिन कार्यक्रम चले, इससे अभियान की छुट्टी रही। इसके बाद पौधरोपण कार्यक्रम में अमला लग गया। सारे अधिकारी-कर्मचारी राजस्व अभियान की जगह पौधरोपण की व्यवस्था में जुटे रहे। अब तिरंगा यात्रा के कारण किसी का ध्यान इस अभियान पर नहीं है।