सोने-चांदी से भी महंगी हैं ये धातु, जानें क्यों है इतनी खास

हममें से ज़्यादातर लोग रोज़ाना सोने और चांदी की कीमतों पर ध्यान देते हैं। गहनों की खरीदारी हो, शादी-ब्याह के मौके हों या फिर निवेश – सोना-चांदी हर जगह अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों से भी कहीं ज़्यादा कीमती एक धातु मौजूद है, जिसका नाम है रोडियम (Rhodium)। बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते, लेकिन हैरानी की बात ये है कि हम अनजाने में इसका इस्तेमाल अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कर ही रहे होते हैं।

रोडियम कहां पाया जाता है?

रोडियम को सीधे ज़मीन से सोने-चांदी की तरह नहीं निकाला जा सकता। यह धरती की बाहरी परत में बेहद कम मात्रा में मौजूद होता है। ज़्यादातर यह प्लैटिनम और निकल की खदानों में अन्य धातुओं के साथ मिला हुआ मिलता है। इसे बाकी धातुओं से अलग करना और फिर शुद्ध बनाना बहुत मुश्किल और खर्चीला काम है। यही कारण है कि हर साल दुनिया में रोडियम की बेहद सीमित मात्रा ही निकाली जाती है। सप्लाई कम और डिमांड लगातार बढ़ने की वजह से इसकी कीमतें हमेशा ऊंचाई पर बनी रहती हैं।

किन-किन कामों में होता है इस्तेमाल?

  • रोडियम अपनी चमक, मजबूती और जंग न लगने वाली खासियत के कारण बेहद खास है।
  • सबसे ज़्यादा उपयोग इसका ऑटोमोबाइल सेक्टर में होता है। गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को कम हानिकारक बनाने के लिए जो कैटलिटिक कनवर्टर लगाए जाते हैं, उनमें रोडियम का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसके अलावा, गहनों पर रोडियम की परत चढ़ाई जाती है ताकि उनकी चमक बनी रहे और वे लंबे समय तक खराब न हों।
  • कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और वैज्ञानिक मशीनों में भी इसका उपयोग होता है क्योंकि यह बेहद मजबूत और टिकाऊ है।

कितनी है रोडियम की कीमत?

रोडियम की कीमत समय-समय पर बदलती रहती है, लेकिन इसकी दुर्लभता और बढ़ती मांग इसे दुनिया का सबसे महंगा मेटल बना देती है। इस समय भारत में रोडियम की कीमत करीब ₹22,300 प्रति ग्राम है, जबकि 24 कैरेट सोना लगभग ₹11,000 प्रति ग्राम बिक रहा है।

साल 2021 में तो इसकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं, जब यह करीब 29,000 डॉलर प्रति औंस (लगभग 25 लाख रुपये) तक चला गया था। तुलना करें तो जहां सोना लगभग ₹95,000 से ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम है, वहीं रोडियम लाखों रुपये में सिर्फ 28 ग्राम (1 औंस) के लिए बिकता है।

रेयर मेटल्स के खत्म होने का खतरा

दुनिया में कुछ धातुएं इतनी दुर्लभ हैं कि उन्हें रेयर मेटल कहा जाता है। चीन फिलहाल दुनिया का लगभग 90% रेयर मेटल निकालता है, लेकिन जानकारों के अनुसार आने वाले 15-20 साल में यह भी खत्म हो सकते हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि –

  • इंडियम नाम की धातु अगले 10 साल में खत्म होने के कगार पर है।
  • प्लैटिनम 15 साल में,
  • और चांदी 20 साल में खत्म होने की स्थिति में पहुंच सकती है।
  • हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि धातुएं पूरी तरह से कभी खत्म नहीं होंगी, लेकिन उन्हें पाना बेहद मुश्किल और महंगा ज़रूर हो जाएगा।

रीसाइक्लिंग से बच सकती हैं कीमती धातुएं

भविष्य में इन धातुओं की उपलब्धता बनाए रखने का सबसे सुरक्षित तरीका है रीसाइक्लिंग। हमारे पुराने मोबाइल फोन, कंप्यूटर, टीवी, गाड़ियां और कई मशीनों में रोडियम समेत अन्य रेयर मेटल्स की थोड़ी-थोड़ी मात्रा मौजूद रहती है। अगर इन्हें सही तरीके से रीसाइक्ल किया जाए तो नई खदानें खोदने की ज़रूरत कम हो सकती है। यह तरीका न सिर्फ सस्ता पड़ता है बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।