वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार केवल प्रवेश का स्थान नहीं है, बल्कि यही से सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का आवागमन होता है। इसलिए, मुख्य द्वार पर पायदान रखने के भी कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। सही दिशा, रंग और आकार के पायदान का उपयोग करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और धन-धान्य बना रहता है।
पश्चिम दिशा वाले मुख्य द्वार के लिए पायदान का सही रंग
यदि आपके घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की ओर है, तो हरे, नीले और सफेद रंग का पायदान रखना शुभ माना जाता है। ये रंग वातावरण को संतुलित करते हैं और घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकते हैं। साथ ही, यह संयोजन मानसिक शांति और आर्थिक स्थिरता के लिए भी लाभकारी है।
उत्तर दिशा के द्वार के लिए पायदान का चुनाव
उत्तर दिशा वास्तु में धन, अवसर और करियर उन्नति की दिशा मानी जाती है। यहां नीले रंग का पायदान रखना अत्यंत लाभदायक है। नीला रंग शांति और स्थिरता का प्रतीक है, जो घर के सदस्यों के लिए नए अवसर और आर्थिक विकास को आकर्षित करता है।
पूर्व दिशा वाले द्वार के लिए रंगों का चयन
अगर आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में है, तो यहां नीला, हरा और काला रंग छोड़कर किसी भी हल्के रंग का पायदान रखना शुभ माना जाता है। हल्के रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और वातावरण को सौम्य और सुखद बनाते हैं।
दक्षिण दिशा के प्रवेश द्वार पर उपयुक्त पायदान
दक्षिण दिशा स्थिरता और शक्ति की दिशा मानी जाती है। यहां गहरे लाल, मरून या भूरे रंग का पायदान रखना शुभ होता है। यह रंग न केवल आर्थिक स्थिरता बनाए रखते हैं, बल्कि जीवन में आत्मविश्वास और दृढ़ता भी बढ़ाते हैं।
पायदान के आकार का महत्व
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर आयताकार पायदान रखना सबसे शुभ माना गया है, क्योंकि यह धन और समृद्धि को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा, अंडाकार और गोलाकार पायदान भी अच्छे माने जाते हैं, जो रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य बनाए रखने में सहायक होते हैं।
पायदान की सही सामग्री का चुनाव
मुख्य द्वार पर हमेशा कपड़े से बने पायदान, जैसे जूट या सूती, का ही प्रयोग करना चाहिए। ये प्राकृतिक बुनाई वाले पायदान नकारात्मक ऊर्जा को रोकने और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में सक्षम होते हैं। दूसरी ओर, प्लास्टिक के पायदान से बचना चाहिए क्योंकि वे ऊर्जा संतुलन में बाधा डालते हैं और शुभ प्रभाव कम कर सकते हैं।