MP पर बढ़ता कर्ज बना सियासी मुद्दा, कांग्रेस ने केंद्र और राज्य दोनों को घेरा

मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से चलाई जा रही लाड़ली बहना योजना में बड़ा बदलाव करते हुए मासिक सहायता राशि को ₹1250 से बढ़ाकर ₹1500 कर दिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में लिया गया, जिसके बाद से इसे प्रदेशभर की महिलाओं ने खुशी से स्वीकार किया है।

यह योजना भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उस प्रमुख सामाजिक पहल के रूप में देखी जा रही है, जिसने विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई थी।

1 करोड़ 27 लाख बहनों के खातों में पहुंची राशि

मुख्यमंत्री ने हाल ही में सीएम आवास से एक कार्यक्रम के दौरान 1 करोड़ 27 लाख बहनों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, राज्यमंत्री कृष्णा गौर और कई बीजेपी नेता मौजूद रहे।

इस माह महिलाओं को पहले ₹1250 और उसके बाद ₹250 की अतिरिक्त राशि भेजी गई है। अब नवंबर माह से लाड़ली बहनों को ₹1500 प्रतिमाह की सहायता राशि मिलनी शुरू हो जाएगी। अब तक इस योजना के तहत ₹44,917.92 करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजे जा चुके हैं।

महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर सरकार का फोकस

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि लाड़ली बहना योजना केवल वित्तीय मदद नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का आंदोलन है। सरकार का लक्ष्य है कि महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक सम्मान भी मिले।

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि प्रदेश पर फिलहाल ₹4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है, लेकिन इसके बावजूद सरकार अपने वादों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने संकेत दिए कि भविष्य में महिलाओं की मासिक सहायता राशि को ₹3000 तक बढ़ाया जा सकता है, भले ही इसके लिए सरकार को अतिरिक्त संसाधन जुटाने पड़ें।

विपक्ष का आरोप: कर्ज में डूबी सरकार, अन्य योजनाएं ठप

हालांकि, विपक्ष ने इस फैसले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार पर पहले से ही भारी कर्ज का बोझ है और केंद्र से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा।

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राज्य को तय राशि ₹44,355.95 करोड़ में से केवल ₹8,027.12 करोड़ (18%) ही जारी किए हैं। उनका कहना है कि इस वित्तीय असंतुलन के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, ई-बस प्रोजेक्ट, मेडिकल कॉलेज निर्माण और केन-बेतवा परियोजना जैसे विकास कार्य ठप पड़े हैं।

डबल इंजन सरकार में तालमेल की कमी:

कांग्रेस ने केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों के बीच तालमेल की बजाय टकराव की स्थिति बनी हुई है।
जीतू पटवारी ने कहा कि “राज्य सरकार एक ओर केंद्र से समर्थन मिलने का दावा कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि फंड जारी नहीं किए जा रहे।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के कारण केंद्र ने फंड रोक दिया है, जिससे प्रदेश की योजनाओं पर नकारात्मक असर पड़ा है।

भ्रष्टाचार और जवाबदेही पर उठे सवाल

विपक्ष ने मांग की है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव भ्रष्टाचार के मामलों की निष्पक्ष जांच करवाएं और केंद्र से रुकी हुई राशि जारी करवाने के लिए पहल करें। कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरौलिया ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल घोषणाओं तक सीमित है, जबकि ज़मीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन कमजोर है।

वहीं, बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, “कांग्रेस हमेशा से ही महिलाओं के अधिकारों की विरोधी रही है। अगर बहनों के खातों में पैसे जा रहे हैं, तो कांग्रेस को तकलीफ क्यों हो रही है?”
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है, और इस योजना की सफलता कांग्रेस की बेचैनी का कारण बन गई है।